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आज मैंने एवरेस्ट चढ़ लिया, 60 साल की उम्र में नेशनल अवॉर्ड पर बोले डायरेक्टर सूरज बड़जात्या

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में उंचाई फिल्म के लिए बेस्ट डायरेक्टर का जीतने पर डायरेक्टर सूरज बड़जात्या ने रिएक्शन दिया है.

आज मैंने एवरेस्ट चढ़ लिया, 60 साल की उम्र में नेशनल अवॉर्ड पर बोले डायरेक्टर सूरज बड़जात्या
Sooraj Barjatya On National Award: नेशनल अवॉर्ड मिलने पर सूरज बड़जात्या ने कही ये बात
नई दिल्ली:

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के विजेताओं का ऐलान हो गया है, जो कि सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड है. इस लिस्ट मे गुलमोहर को बेस्ट हिंदी फिल्म से लेकर मलयालम फिल्म अट्टम को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला है. इसके अलावा बेस्ट एक्टर कांतारा एक्टर ऋषभ शेट्टी को और बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड सूरज आर बड़जात्या को हिंदी फिल्म ऊंचाई के लिए मिला है. इसी को लेकर उंचाई के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने पर निर्देशक सूरज बड़जात्या ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं हैं. 

उनसे जब पूछा गया कि राष्ट्रीय पुरस्कार जीतना कैसा लगता है? तो डायरेक्टर ने कहा, मैं 2022 में देश के बेस्ट सिनेमा में से एक के रूप में सम्मानित होने पर बहुत खुश हुआ था. यह मुझे 30 साल पहले ले जाता है, जब हम आपके हैं कौन ने बेस्ट फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था. उस समय एक युवा निर्देशक के रूप में मुझे जो उत्साह और खुशी महसूस हुई, वह पागलपन भरा था! लेकिन आज, जब मुझे बेस्ट निर्देशक - उंचाई के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, तो कृतज्ञता और शांति की भावना है.. आज खुशी और प्रसन्नता बहुत अधिक आंतरिक है. एक निर्देशक के रूप में, पिछले 35 वर्षों से मेरा काम कहानियां सुनाना रहा है और मैं अभी भी खत्म नहीं हुआ हूं, अभी बहुत कुछ आना बाकी है!

राष्ट्रीय पुरस्कार क्या मायने रखता है? के सवाल पर डायरेक्ट सूरज बड़जात्या ने कहा, हमारे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हमारी इंडस्ट्री को एकजुट करते हैं क्योंकि वे हर भाषा में बनी फिल्मों का उत्सव हैं! इस स्तर पर बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड जीतना, मुझे विनम्र और सम्मानित महसूस कराता है. मुझे लगता है कि आज मैंने सचमुच अपना एवरेस्ट फतह कर लिया है. यह अपार सम्मान मेरे वरिष्ठ अभिनेताओं और तकनीशियनों की पूरी टीम का है, जिन्होंने महामारी से लड़ाई लड़ी और मेरे साथ अनसुने स्थानों पर शूटिंग की.

पुरस्कार किसे समर्पित करना चाहेंगे? पर उन्होंने कहा, ऊंचाई एक विशेष फिल्म थी..हमारे प्रोडक्शन हाउस के 75वें वर्ष में बनाई गई. मैं यह पुरस्कार राजश्री प्रोडक्शंस और परिवार के सभी बुजुर्गों को समर्पित करना चाहूंगा, जिनके अधीन हम सीखते रहते हैं, ऐसी कहानियां सुनाते हैं जो प्रेरणादायक, खुशनुमा हों और जो हमें एक-दूसरे पर और अच्छाई की शक्ति पर भरोसा करने में मदद करें.

गौरतलब है कि डायरेक्टर सूरज बड़जात्या ने मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन, प्रेम रतन धन पायो, हम साथ साथ हैं औऱ विवाह जैसी फिल्में दी हैं, जो कि आज भी दर्शकों के बीच मशहूर है. 

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