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This Article is From Jun 02, 2025

ग्लैमरस इमेज को तोड़ने के लिए इस एक्ट्रेस ने निभाया ऐसा किरदार, छिपकर जाती थीं रेड-लाइट एरिया, बोलीं- मैं फूट-फूटकर रोने लगी...

अमिताभ बच्चन की अजूबा में शहजादी हीना का किरदार निभाकर एक्ट्रेस सोनम खान को काफी पॉपुलैरिटी हासिल हुई थी.

ग्लैमरस इमेज को तोड़ने के लिए इस एक्ट्रेस ने निभाया ऐसा किरदार, छिपकर जाती थीं रेड-लाइट एरिया, बोलीं- मैं फूट-फूटकर रोने लगी...
सोनम खान का केवल 4 वर्ष का रहा फिल्मी करियर
नई दिल्ली:

दिग्गज एक्ट्रेस सोनम खान ने बताया कि 1989 की फिल्म 'मिट्टी और सोना' में उनका किरदार उनके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने अपनी ग्लैमरस छवि से अलग हटकर पहचान बनाने के लिए फिल्म में कॉलेज गर्ल और एक तवायफ दोनों का रोल निभाया था. एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम पोस्ट पर फिल्म 'मिट्टी और सोना' से अपने किरदार की कुछ तस्वीरें शेयर की और बताया कि महज 15-16 साल की उम्र में उन्होंने रेड-लाइट एरिया जाकर वहां की जिंदगी को देखा था. इससे उन्हें न सिर्फ हिम्मत और समझ मिली, बल्कि फिल्म में अपने किरदार को ईमानदारी से निभाने में मदद भी मिली. पोस्ट के कैप्शन में सोनम ने लिखा, "'मिट्टी और सोना' मेरे दिल के सबसे करीब फिल्म है... इसमें मैंने एक कॉलेज गर्ल और एक तवायफ का रोल निभाया था. हां, ये रोल करना बहुत चुनौतीपूर्ण था. मुझे कॉलेज स्टूडेंट और वेश्यावृत्ति में शामिल लड़की के तौर-तरीकों पर काम करना था. मैं इस फिल्म से कुछ साबित करना चाहती थी, लेकिन कैसे साबित होगा, उस वक्त मुझे खुद भी नहीं पता था."

एक्ट्रेस ने आगे कहा, "लोग मुझे अक्सर 'ग्लैमरस सोनम' के तौर पर जानते थे, जो बेखौफ बिकिनी पहनती थी. इस फिल्म ने मुझे मौका दिया कि मैं अपनी कम लेकिन यादगार 4 साल के फिल्मी करियर में ये साबित कर सकूं कि मैं सिर्फ ग्लैमरस नहीं, बल्कि अच्छी एक्टिंग भी कर सकती हूं." उन्होंने बताया कि वह छिपकर रेड-लाइट एरिया जाती थीं, ताकि कोई उन्हें पहचान न सके. वह वहां की लड़कियों के तौर-तरीके देखती थीं. एक्ट्रेस ने कहा, "मैंने वहां कुछ लड़कियों से बात भी की. उनसे मिलकर मुझे दुख, डर और सुरक्षा की भावना महसूस हुई."

एक्ट्रेस ने बताया कि फिल्म की शूटिंग भी काफी घटनाओं से भरी रही. सोनम ने बताया, "मुझे याद है कि मुझे एक सीन करना था, जिसमें मुझे स्किन कलर का शॉर्ट, स्ट्रैपलेस ड्रेस पहनना था. ये ड्रेस ऐसी थी, जैसे मैंने कुछ पहना ही नहीं हो. कैमरे के लेंस और एंगल के लिए यह सीन जरूरी था. पहले तो मैं इसके लिए तैयार थी, मैं फूट-फूटकर रोने लगी और सीन करने से मना कर दिया। उस समय मेरी उम्र सिर्फ 15-16 साल थी. मेकअप रूम में कई बार मनाने के बाद, मैं सेट पर गई और उस सीन को किया. मैंने हिम्मत जुटाई उन लड़कियों से, जिन्हें मैंने कुछ साल पहले रेड-लाइट एरिया में देखा था." 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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