
पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे शशि कपूर बॉलीवुड के सबसे खूबसूरत अभिनेताओं में से एक थे. शशि ने 70 और 80 के दशक में कई हिट फिल्में दीं. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत अपने भाई राज कपूर की फिल्म आग (1948) में एक बाल कलाकार के रूप में की थी और बाद में बड़े होने के बाद बतौर हीरो धर्मपुत्र (1961) से डेब्यू किया. शशि कपूर को दीवार, सत्यम शिवम सुंदरम, नमक हलाल, काला पत्थर औऱ कभी-कभी में बेहतरीन एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं. उस दौर में काम के साथ ही शशि अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी खूब सुर्खियों में रहे. शशि कपूर एक रशियन मूल की अभिनेत्री जेनिफर केंडल से प्यार करते थे. उनकी मुलाकात जेनिफर से तब हुई, जब वह अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ प्रसिद्ध पृथ्वी थिएटर में काम कर रहे थे. जल्द ही दोनों के बीच प्यार हो गया, जुलाई 1958 में दोनों ने शादी कर ली और उनके तीन बच्चे हुए - कुणाल कपूर, करण कपूर और संजना कपूर.
जेनिफर और शशि के जीवन में तब तुफान आया जब 1982 में जेनिफर को कोलन कैंसर का पता चला और वह कैंसर से जंग हार गईं. 1984 में उनकी मृत्यु हो गई. उनके निधन के बाद शशि पूरी तरह टूट गए. सीम छाबड़ा द्वारा लिखी गई उनकी जीवनी, “शशि कपूर: द हाउसहोल्डर, द स्टार” के एक अंश के मुताबिक पत्नी जेनिफर के निधन के बाद शशि का जीवन दिल दहला देने वाला था. यह 1983 की बात है. तब जेनिफर अमीबिक पेचिश से पीड़ित मानी जाती थीं- को कैंसर का पता चला. जेफ्री केंडल अपनी आत्मकथा में लिखते हैं कि जब उन्हें अपनी बेटी की बीमारी के बारे में पता चला, तो वे बहुत देर तक 'कैंसर' शब्द नहीं बोल पाए. उन्होंने इसे 'बीमारी' या 'यह चीज़' कहा.
इस बीच, जेनिफर ने अपने तरीके से धीरे-धीरे निदान को स्वीकार किया और अपने करीबी लोगों को बताना शुरू किया, जिसमें अनिल धारकर जैसे दोस्त भी शामिल थे. अनिल कहते हैं, 'उसने मुझे बताया कि कैसे उन्होंने बॉम्बे के टाटा मेमोरियल अस्पताल में वॉलपेपर के साथ एक कमरे को चमकाने की कोशिश की थी.' 'और मैंने पूछा, अच्छा, तुम वहां क्यों गए थे? और उसने जवाब दिया, "अनिल, क्या तुम नहीं देखते? मुझे बिग सी है." बस इतना ही था. इस तरह मुझे पता चला.'
जेनिफर ने भारत में सर्जरी करवाई और ऐसा लग रहा था कि वह ठीक हो रही है. लेकिन बाद में लंदन की यात्रा के दौरान और अधिक जांच के बाद, ऐसा लगा कि कैंसर फैल गया है. जेनिफर ने अपने आखिरी महीने ब्रिटिश राजधानी में अस्पताल और अपने माता-पिता के घर में बिताए.जब उनकी मृत्यु हुई तो जेफ्री बहुत दुखी हुए. जेनिफर उनकी पहली संतान थी, उनकी सबसे प्रिय, उनकी लगभग सब कुछ. शोकाकुल जेफ्री कहते हैं, ‘यह भयावह क्षति ऐसी है जिसके बारे में मैं न तो बात कर सकता हूं और न ही लिख सकता हूं. ऐसा लग रहा था मानो पूरी धरती जम गई हो.'
उनके साथ-साथ उनकी पत्नी लॉरा लिडेल केंडल भी बहुत दुखी थीं. फेलिसिटी केंडल कहती हैं, ‘मेरी मां उसके बाद कभी भी पहले जैसी नहीं रहीं. वह पहले बहुत धार्मिक थीं, लेकिन उनका विश्वास खत्म हो गया. रोशनी बुझ गई.' पूरा परिवार खुद को अस्थिर पाता था, कोई सहारा नहीं था. फेलिसिटी कहती हैं, ‘मेरे माता-पिता आधे साल मेरी बहन के साथ भारत में बिताते थे, लेकिन जब उनकी मृत्यु हुई, तो उन्हें लगा कि वापस जाना बहुत दर्दनाक होगा, इसलिए उन्होंने अपना घर और जेनिफर दोनों खो दिए.'
इस बीच, फेलिसिटी कहती हैं, ‘आखिरी समय में जेनिफर की एकमात्र चिंता अपने बच्चों के लिए थी'- वे दुखी थीं.देव बेनेगल कहते हैं कि वे पृथ्वी थिएटर में एक स्मारक पर कुणाल कपूर से मिले थे, ‘परिवार अभी-अभी गोवा से वापस आया था और कुणाल ने मुझसे कहा, “पापा समुद्र के बीच में नाव लेकर गए थे. जब वे वहां पहुंचे, तो पहली बार वे रोए. सच में, वे रोए थे.”' देव की तरह, मैं उस पल की कठोरता से स्तब्ध हूं - शशि, विशाल खुले समुद्र में अकेले, दुःखी. ‘वह उसकी मौत से वाकई हिल गया था.'
पत्नी जेनिफर की मौत के बाद शशि शराब पीने लगे थे और जीवन के प्रति निराश हो गए थे. 4 दिसंबर, 2017 को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में शशि ने अंतिम सांस ली थी. वह 79 वर्ष के थे और किडनी के इलाज के लिए डायलिसिस पर थे.
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