वुमेन्स डे के मौके पर एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने अपनी एक फोटो शेयर करते हुए अपनी जर्नी के बारे में इंस्टा फैंस के साथ शेयर किया. उन्होंने लिखा, महिला होना अपने आप में सुंदर है. हालांकि इस जजमेंटल दुनिया में आगे बढ़ना आसान नहीं.फोटो में सुष्मिता सेन कैमरे से दूर देखते हुए मुस्करा रही हैं. फोटो में उन्होंने नीले रंग का ऑफ-शोल्डर स्वेटर पहना है और अपने बालों को लूज रखा हुआ है. आगे उन्होंने लिखा, "एक महिला होना ब्लेसिंग है. महिला दिवस की शुभकामनाएं. साथ ही उन्होंने हैसटैग लिखा है, बहनत्व, प्यार, खुशी, शक्ति और आशीर्वाद. मैं आप लोगों से बहुत प्यार करती हूं.'' इस पोस्ट पर उनकी भाभी चारु असोपा सेन ने कमेंट किया है, सबसे अद्भुत महिला को महिला दिवस की शुभकामनाएं ... आई लव यू दीदी.
वहीं एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘रेनी का जन्म मेरे दिल से हुआ. तब हुआ, जब मैं सिर्फ 24 साल की थी. यह एक बड़ा फैसला था. कई लोगों ने इस पर सवाल उठाया. गोद लेना क्यों? आप बिना शादी किए बच्चे की परवरिश कैसे करेंगी? क्या आप सिंगल पेरेंट बनने के लिए तैयार हैं? क्या आप जानती हैं कि इस निर्णय का आपके प्रोफेशनल लाइफ पर क्या प्रभाव पड़ेगा? पूछताछ और राय अंतहीन थे ...और फिर भी मैंने वही किया, जो मेरे दिल को सही लगा. मुझे पता था कि मैं मां बनने के लिए तैयार हूं. यह मेरे द्वारा लिया गया अब तक का सबसे सही निर्णय है, यह बेहद गहरा है...अब मुझे दो खूबसूरत बेटियां मिली हैं, रेनी और अलीसा. मैं वह हूं जो मैं हूं, क्योंकि मैंने अपने दिल की सुनी और करने का साहस पाया
एक्ट्रेस सुष्मिता सेन अपने स्ट्रॉन्ग डिसीजन के लिए जानी जाती हैं. 1994 में देश के लिए मिस यूनिवर्स का ताज जीतने वाली वह पहली महिला बनीं. इसके बाद उन्होंने दस्तक (1996) से बॉलीवुड में डेब्यू किया. सुष्मिता ने सिर्फ तुम, बीवी नंबर 1, मैं हूं ना, मैंने प्यार क्यों किया?, मैं ऐसा ही हूं, जिंदगी रॉक्स और दुल्हा मिल गया जैसी कई फिल्मों में काम किया.
सुष्मिता ने 10 साल बाद कमबैक किया है और हाल ही में वेब सीरीज आर्या में नजर आईं. हाल ही में फिल्म समीक्षक सुचरिता त्यागी के साथ क्रिटिक्स चॉइस शॉर्ट फिल्म एंड सीरीज अवार्ड्स के फेसबुक पेज पर एक वीडियो में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि 10 साल के अंतराल में मैंने प्रायोरिटीज को क्रम में रखा. मुझे समझ आया कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. मुख्यधारा का सिनेमा मुझे वह नहीं दे रहा था, जो मैं चाहती थी. यही वजह है कि मैंने दस साल तक काम नहीं किया.
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