
- अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने अपने करियर की शुरुआत में शाहरुख़ ख़ान के साथ सर्कस टीवी शो में काम किया था, जो उनके लिए यादगार अनुभव रहा.
- शाहरुख़ ख़ान के पेशेवर रवैये और सभी के प्रति समान व्यवहार ने सेट पर टीम में नई ऊर्जा पैदा की, जैसा रेणुका ने बताया.
- रेणुका शहाणे और अशुतोष राणा का रिश्ता गहरी दोस्ती, बातचीत और परस्पर सम्मान पर आधारित है, जो दिखावे से परे है.
अभिनेत्री, निर्देशक और सांस्कृतिक आइकन रेणुका शहाणे ने हाल ही में एक बेबाक और दिल को छू लेने वाली बातचीत में अपने करियर की शुरुआती यादों, अभिनेता अशुतोष राणा से अपनी प्रेम कहानी और भाषा, पहचान और सम्मान को लेकर अपने स्पष्ट विचार साझा किए. यह बातचीत अब सोशल मीडिया पर ज़ोरदार चर्चा का विषय बन चुकी है. जहां ज़्यादातर लोग रेणुका शहाणे को हम आपके हैं कौन में सलमान ख़ान की प्यारी भाभी के रूप में जानते हैं, वहीं कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में शाहरुख़ ख़ान के साथ सर्कस टीवी शो में स्क्रीन शेयर की थी.
बातचीत के दौरान जब उनसे कहा गया, “आपको शाहरुख़ की पहली ऑन-स्क्रीन हीरोइन के तौर पर जाना जाता है. यह पहचान हमेशा आपके साथ जुड़ी रही है.” रेणुका ने मुस्कराते हुए उस अनुभव को याद किया, “उनका काम के प्रति जो रवैया है, वो कमाल का है. असल में, शाहरुख़ वो पेशेवर हैं जैसा हर किसी को बनने की चाह रखनी चाहिए... और दूसरी बात, उनका हर व्यक्ति के प्रति व्यवहार, चाहे वो स्पॉट बॉय हो या प्रोड्यूसर, डायरेक्टर या अभिनेता सबके साथ समान व्यवहार करते हैं. जब सेट पर स्टार ऐसा करता है, तो पूरी टीम में नई ऊर्जा आ जाती है.”
वहीं अशुतोष राणा के साथ अपने रिश्ते पर बात करते हुए, रेणुका शहाणे ने बताया कि उनका रिश्ता दिखावे पर नहीं बल्कि गहरी दोस्ती, बातचीत और परस्पर सम्मान पर टिका हुआ है. “जब मैं राणा से मिली, तो सबसे ज़्यादा ये बात अच्छी लगी कि मैं उनसे घंटों बात कर सकती थी... हमारा प्यार फोन पर शुरू हुआ. उस वक्त तो लैंडलाइन और पुराना एमटीएनएल ही होता था.”
अपने और राणा के स्वभाव में अंतर को स्वीकारते हुए उन्होंने कहा, “हम दोनों एकदम अलग हैं... फिर भी हम एक-दूसरे के साथ सहज थे. वो साथी मिल गया था जिससे ज़िंदगी बिताने का मन हो, एक प्यारा-सा घर बनाने का मन हो.” ‘स्पीक मराठी' आंदोलन पर बोलीं, “ये सम्मान की बात है”, ‘InControversial with Pooja Chaudhri' पॉडकास्ट के बीच में हुई बातचीत के एक हिस्से में रेणुका शहाणे ने मुंबई में मराठी भाषा और संस्कृति के सम्मान को लेकर अपने विचार ज़ाहिर किए.
उन्होंने, “अगर आप किसी जगह बहुत समय से रह रहे हैं, तो वहां की भाषा और संस्कृति को समझना और उसका सम्मान करना ज़रूरी है. ये बोलने से ज़्यादा उस इरादे की बात है कि आप उसमें सम्मान दिखा रहे हैं. मुझे ऐसे लोग पसंद नहीं जो स्थानीय भाषा और संस्कृति को अपनाने की ज़रूरत ही नहीं समझते. मुझे हिंसा बिल्कुल पसंद नहीं. कोई अगर मराठी नहीं बोलता, तो जाकर दो-तीन थप्पड़ मार देना. इससे भाषा का कोई भला नहीं होगा.” रेणुका शहाणे की ये बातचीत प्रोफेशनलिज़्म, रिश्तों और सांस्कृतिक सम्मान पर सोचने को मजबूर करती है – और सोशल मीडिया पर ये चर्चा का बड़ा कारण बन चुकी है.
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