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राजेश खन्ना की अधूरी रह गई थी ये ख्वाहिश, मौत के बाद मिले थे उनके 64 बंद सूटकेस, खुलते ही मचा था हंगामा

राजेश खन्ना इकलौते ऐसे स्टार रहे हैं, जो फिल्मों के लिए ऑडिशन देने के लिए लग्जरी कार से जाते थे. उनका निधन 2012 में बीमारी के चलते हुआ और उनकी मौत के बाद उनके घर से 64 ऐसे सूटकेस मिले थे.

राजेश खन्ना की अधूरी रह गई थी ये ख्वाहिश, मौत के बाद मिले थे उनके 64 बंद सूटकेस, खुलते ही मचा था हंगामा
राजेश खन्ना की मौत के बाद घर से मिले थे 64 सूटकेट
नई दिल्ली:

हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का फिल्मी करियर शानदार रहा है. 60 और 70 के दशक में बॉक्स ऑफिस पर 'काका' का राज चलता था. इस दौरान एक्टर ने एक से एक सुपरहिट फिल्म दीं और इस तरह वह सिनेमा के पहले सुपरस्टार कहलाए. राजेश खन्ना इकलौते ऐसे स्टार रहे हैं, जो फिल्मों के लिए ऑडिशन देने के लिए लग्जरी कार से जाते थे. वहीं, स्टार बनने के बाद लड़कियां उनकी इतनी दिवानी हो गई थी कि उनकी कार को किस करके लिपस्टिक से लाल कर देती थीं. एक्टर भी अपने दरियादिली के लिए मशहूर थे और अपने चाहने वालों के लिए तोहफे लाया करते थे. उनका निधन 2012 में बीमारी के चलते हुआ और उनकी मौत के बाद उनके घर से 64 ऐसे सूटकेस मिले थे, जो कभी खोले नहीं गए थे.

क्या था इन 64 सूटकेस में?

गौरतलब है कि राजेश खन्ना जब भी फॉरेन ट्रिप पर जाते थे, तो अपने यार-दोस्तों के लिए सूटकेस भरकर बेशकीमती तोहफे लाया करते थे. इन सभी गिफ्ट को अपने दोस्तों में बांट वह भूल जाते थे कि किसको क्या दिया था. वहीं, जब राजेश खन्ना के बंगले आशीर्वाद में इन 64 सूटकेस को खोला गया, तो इन्हें देखने वाले हैरान रह गये, क्योंकि इन सभी सूटकेस में वो तोहफे थे, जो एक्टर अपने चाहनवालों को देना चाहते थे, लेकिन वह अपनी मौत की वजह से इन्हें बांट नहीं पाए और यह सभी तोहफे उनके सूटकेस में ही रह गए. इस बात का खुलासा लेखक गौतम चिंतामणि ने एक्टर की बायोग्राफी 'डार्क स्टार : द लोलनीनेस ऑफ बीइंग राजेश खन्ना' में किया था.

एक्टर की हिट फिल्में

लेखक ने अपनी किताब में बताया कि एक्टर को अकेला रहना बहुत पसंद था, लेकिन लोगों से बहुत प्यार था. इसलिए वो अपने चाहने वालों को कभी निराश नहीं करते थे. 18 जुलाई 2012 को मुंबई में एक्टर का निधन हो गया था. अपने पीछे वह पत्नी डिंपल कपाड़िया और दो बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना को छोड़ गए थे. एक्टर के वर्कफ्रंट की बात करें तो उन्होंने फिल्म आखिरी खत (1966) से डेब्यू किया था. कटी पतंग, आन मिलो सजना, सच्चा झूठा, हाथी मेरे साथी, आराधना, दो रास्ते, आनंद, नमक हराम, बावर्ची, रोटी और आपकी कसम उनकी हिट फिल्मों में शामिल हैं.

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