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NDTV YUVA Exclusive: रिया चक्रवती ने जेल में लिखी थी कविता, बताया कैसे अलग होती है वहां की जिंदगी

NDTV YUVA Exclusive: रिया चक्रवर्ती ने एनडीटीवी से खास बातचीत में जेल में बिताए अपने समय के बारे में बात की और वहां लिखी अपनी कविता सुनाई.

रिया ने जेल में लिखी कविता

नई दिल्ली:

रिया चक्रवर्ती अपने फिल्मी करियर के साथ साथ सुशांत सिंह राजपूत के मर्डर केस में भी सुर्खियों में रहीं. पहले उन पर सुशांत सिंह राजपूत को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप लगे. जांच शुरू हुई और उन्हें जेल तक जाना पड़ा हालांकि उनकी वापसी क्लीन चिट के साथ हुई और उन्होंने सवाल उठा रहे लोगों को जवाब दिया लेकिन जेल जाना भी उनके लिए एक अलग ही लर्निंग एक्सपीरियंस था. रिया हाल में एनडीटीवी युवा के कार्यक्रम में पहुंचीं और यहां उन्होंने अपने जेल में बिताए अपने दिनों के बारे में बताया और साथ ही एक ऐसी बात भी शेयर की जिसके बारे में उन्होंने पहले कभी इस तरह खुल कर नहीं बताया था.

जेल में लिखी कविता

रिया चक्रवर्ती ने बताया कि जेल में उन्होंने एक कविता लिखी थी. हमारे कहने पर उन्होंने अपनी कविता की कुछ लाइनें हमारे साथ शेयर की थीं जो कि कुछ इस तरह से थीं,

जब इतनी सी खुशी है

तो इतना बड़ा आंगन क्यों,

इतनी सी बारिश में इतना आनंद क्यों,

इतनी सी खुशी के लिए इतना बड़ा इम्तेहान क्यों,

इतनी बड़ी दुनिया में बस इतना सा इंसान क्यों.

रिया ने बताया कि जेल जाकर इंसान पूरी तरह बदल जाता है क्योंकि वहां उसे उन चीजों की अहमियत पता चलती है जिन्हें वो आम जिंदगी में कुछ खास नहीं समझता. जेल से आने के बाद दाल-रोटी भी पिज्जा लगती है. रिया ने कहा, जेल में एक अलग सी लिब्रेशन होती है क्योंकि जेल में सब बराबर होते हैं. एक नंबर से बुलाते हैं...कोई हाइरैरिकी नहीं होती. सब बरारबर होते हैं. मेरी जेल में एक डायरी थी. इसमें मैंने लिखा था. जेल में बंद लोग जेल के बाहर के लोगों से बेहतर थे..क्योंकि अंदर सोसायटी नहीं है, सोसायटी नहीं है तो कोई रूल नहीं

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