Murder Mubarak Movie Review in Hindi: जब भी किसी बॉलीवुड हो या हॉलीवुड फिल्म हो डायरेक्टर ओटीटी रिलीज की खबर आती है तो मेरे जेहन में फिल्म को लेकर एकदम से शुबहा पैदा हो जाता है. फिर फिल्म में स्टारकास्ट काफी बड़ी हो तो और भी संदेह होने लगता है कि डायरेक्टर बड़े स्टार्स और नामी डायरेक्टर होने के बावजूद सिनेमाघरों में ना जाकर ओटीटी की राह क्यों पकड़ रहा है. मेरा यह शुबहा पिछले कुछ समय से इस यकीन में तब्दील होता जा रहा है कि ओटीटी पर डायरेक्ट आ रही 90 फीसदी फिल्में कंटेंट के मामले में कमजोर होती हैं. इस बात को लगातार ओटीटी पर रिलीज हुई फिल्मों ने साबित भी किया है. मेरे इस यकीन को और पुख्ता करने का काम नेटफ्लिक्स की ताजा रिलीज फिल्म मर्डर मुबारक ने किया है. मर्डर मुबारक में पंकज त्रिपाठी, सारा अली खान, विजय वर्मा, करिश्मा कपूर, डिम्पल कपाड़िया, टिस्का चोपड़ा और संजय कपूर जैसे नामी कलाकार हैं. फिल्म का निर्देशन होमी अदजानिया ने किया है जिन्होंने अपने पूरे करियर में दो ही हिट फिल्में कॉकटेल और अंग्रेजी मीडियम दी हैं. आइए जानते हैं कैसी है नेटफ्लिक्स फिल्म, पढ़ें मूवी रिव्यू...
मर्डर मुबारक की कहानी
मर्डर मुबारक की कहानी दिल्ली के अमीर लोगों के एक क्लब की है. यहां तम्बोला नाइट के समय एक कत्ल हो जाता है. अब पूरा माहौल गर्मा जाता है. हत्या की इस गुत्थी को सुलझाने के लिए एंट्री होती है एसीपी पंकज त्रिपाठी की. फिर एक के बाद एक संदिग्ध आते हैं और अब इनके बीच से एक कातिल का पता लगाना है. इस तरह की कई शानदार हॉलीवुड फिल्में देखी हैं, लेकिन जैसा बॉलीवुड हमेशा करता आया है कि वह कहानी तो बुन लेता है लेकिन उसे उसके अंजाम तक नहीं पहुंचा पाता है. ऐसा ही मर्डर मुबारक में भी हुआ है. कहानी में एक के बाद एक संदिग्ध आता है, पूछताछ होती है. लेकिन कहानी थका देती है, दिमाग को पका देती है और लगता है कि अब ये कब खत्म होगी. बेशक घर पर हैं ओटीटी पर हैं, तो फिल्म को कभी भी आगे खिसका सकते हैं. लेकिन मैंने सोचा अगर ये फिल्म सिनेमा हॉल पर होती तो? तो क्या दिमाग का दही हो जाता.
मर्डर मुबारक का डायरेक्शन और वर्डिक्ट
मर्डर मुबारक की कहानी जितनी कमजोर है और डायरेक्शन भी बेहद उकताऊ है. होमी अदजानिया का डायरेक्शन का अपना स्टाइल रहा है. लेकिन यह स्टाइल दरशकों के मुताबिक नहीं लगता. उन्होंने एक कत्ल के लिए इतने ढेर सारे संदिग्ध रख दिए हैं कि ऐसा लगता है कि कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा. कुल मिलाकर पंकज त्रिपाठी, डिम्पल कपाडिया, विजय वर्मा और करिश्मा कपूर जैसे सितारे भी फिल्म को बचा नहीं पाते हैं. सारा अली खान एक्टिंग में कमजोर हैं. फिर जिस तरह का माहौल इस तरह की मर्डर मिस्ट्री के लिए चाहिए होता है, नहीं बन पाता. अधिकतर बातें हल्के में कही गई लगती है. पंकज त्रिपाठी को इस तरह के किरदारों से थोड़ी कन्नी काटनी चाहिए. कुल मिलाकर मर्डर मुबारक, हमारी तरफ से डायरेक्टर और फिल्म की टीम को ही मुबारक हो.
मर्डर मुबारक किसकी किताब पर आधारित?
अरे हां, एक बात और. मर्डर मुबारक बेस्टसेलर राइटर अनुजा चौहान की किताब क्लब यू टू डेथ पर आधारित है. इससे पहले अनुजा चौहान की किताब जोया फैक्टर पर आधारित एक फिल्म इसी नाम से बनी थी. यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर पस्त रही थी. इस तरह अनुजा चौहान की किताब को एक बार फिर डायरेक्टर परदे पर सही तरीके से उतार नहीं पाए, और करी कराई मेहनत पर पानी फेर दिया.
रेटिंग: 1/5 स्टार
डायरेक्टर: होमी अदजानिया
कलाकार: पंकज त्रिपाठी, सारा अली खान, विजय वर्मा, करिश्मा कपूर, डिम्पल कपाड़िया, टिस्का चोपड़ा और संजय कपूर
ओटीटी: नेटफ्लिक्स
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