तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, हैरान हूं मैं, हो हैरान हूं मैं, तेरे मासूम सवालों से, परेशान हूं मैं, परेशान हूं मैं…जिंदगी की दुश्वारियों या जीवन की भाग-दौड़ के बीच मिले सुकून भरे लम्हों में यह लाइनें जरूर आपके जेहन में कौंधी होंगी या आपने कभी न कभी इन्हें गुनगनाया होगा. जिंदगी की सच्चाई को इन शब्दों में इस खूबसूरती से पिरोया गया है, जो सुनने वाले को अपनी ही जिंदगी का फलसफा लगने लगता है. यह लाइनें उस गीत की है जिसे हमने ‘मासूम' फिल्म में सुना.
मासूम फिल्म की इन दिल छू लेने वाली लाइनों को मशहूर फिल्मकार और शायर गुलजार ने लिखा है. इसका संगीत आर.डी बर्मन ने दिया है. वैसे जब भी किसी फिल्म में आर.डी. बर्मन और गुलजार की जुगलबंदी हुई है, उस फिल्म के गानों ने सुनने वालों के दिलोदिमाग पर राज किया है. 1983 में रिलीज हुई इस फिल्म को डायरेक्ट किया शेखर कपूर ने. मासूम में नसीरूद्दीन शाह, शबाना आजमी, मास्टर जुगल हंसराज, बेबी उर्मिला मातोंडकर और सईद जाफरी मुख्य भूमिकाओं में दिखे. फिल्म इंग्लिश उपन्यासकार एरिक सीगल की किताब ‘मैन, वूमन ऐंड चाइल्ड' से प्रेरित थी. इसका स्क्रीनप्ले भी गुलजार ने लिखा था.
अब बात करते हैं इसके सिंगर्स की. इस गीत के मेल और फीमेल दो वर्जन हैं. मेल वर्जन को अनूप घोषाल ने गाया है तो फीमेल वर्जन को लता मंगेशकर ने. अब सवाल उठता है कि एक ही गाने के दो वर्जन बनाने के पीछे की वजह क्या थी? बताया जाता है कि तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, हैरान हूं मैं...का मेल वर्जन अनूप घोषाल ने गाया था. लेकिन फिल्म के साथ जुड़ी म्यूजिक कंपनी चाहती थी कि मासूम फिल्म के गानों में किसी दिग्गज गायक या गायिका का नाम भी शुमार होना चाहिए, क्योंकि फिल्म के गाने ऐसे सिंगर्स ने गाए थे जो अभी तक दिग्गज गायकों के बीच अपनी जगह नहीं बना पाए थे.
कहा जाता है कि इसी वजह से गाने का फीमेल वर्जन आया और इसे लता मंगेशकर से गवाया गया. अब सवाल उठा कि शूटिंग के लिए क्या किया जाए? गाना बना है तो शूट भी होना है. इस पर शेखर कपूर ने जुगत निकाली और फिल्म की उन फुटेज का इस्तेमाल इस गाने में किया, जिन्हें शूट तो किया गया था लेकिन फिल्म में इस्तेमाल नहीं हो सका था. इस तरह एक बेहतरीन गाना दर्शकों के लिए तैयार हुआ.
गुलजार साहब ने फिल्म के सीक्वेंस को जिस तरह शब्दों में उकेरा है, वह हिंदी गीत-संगीत की दुनिया में और कही देख पाना मुश्किल है. उस पर अनूप घोषाल की आवाज भी जादुई असर करती है. इस तरह शब्दों के संसार के जरिये फिल्म के कैरेक्टर्स के जीवन की जटिलताओं और मुश्किलों को सशक्त ढंग से पेश किया गया.खास यह कि आर.डी. बर्मन को मासूम फिल्म के संगीत के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया जबकि गुलजार को ‘तुझसे नाराज नहीं' गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला.
Bollywood Gold: जानें क्यों 'Masoom' के इस गाने के बने दो वर्जन?
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