नब्बे के दशक में ममता कुलकर्णी अपनी एक्टिंग और स्टाइल से हिंदी सिनेमा में धमाल मचा रही थीं. उस दौर में कई बड़े डायरेक्टर और प्रोड्यूसर्स उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करना चाहते थे. ऐसी ही एक फिल्म थी 'अंदाज अपना अपना (1994)'. आईएमडीबी के मुताबिक ये फिल्म पहले ममता कुलकर्णी को ऑफर हुई थी. लेकिन एक फिल्म मेकर के साथ कॉन्ट्रेक्ट में होने की वजह से ममता कुलकर्णी ये फिल्म साइन नहीं कर सकीं. उस कॉन्ट्रेक्ट की वजह से ममता कुलकर्णी इस शानदार कॉमेडी फिल्म का हिस्सा बनने से रह गईं.

कॉन्ट्रेक्ट बना राह का रोड़ा
1990 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में प्रोड्यूसर अक्सर नए चेहरों को अपने बैनर में साइन कर लेते थे. ऐसा ही कुछ हुआ ममता कुलकर्णी के साथ भी. करियर की शुरुआत में ही वो इब्राहिम नाडियाडवाला के साथ एक एक्सक्लूसिव कॉन्ट्रैक्ट में थीं. बॉलीवुड से जुड़ी अटकलों के मुताबिक इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत वो किसी और प्रोड्यूसर की फिल्म नहीं कर सकती थीं. जब तक नाडियाडवाला की अनुमति न मिले. इसी वजह से उन्हें 'अंदाज अपना अपना' जैसी बड़ी फिल्म छोड़नी पड़ी. इसके बाद फिल्म में करिश्मा कपूर और रवीना टंडन को फीमेल लीड रोल के लिए चुना गया.

हिट फिल्मों से बनाई अलग पहचान
भले ही ममता को यह फिल्म छोड़नी पड़ी. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और टैलेंट से दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली. ‘आशिक आवारा' (1993) से लेकर ‘करण अर्जुन' (1995) और ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी' (1995) जैसी फिल्मों में ममता का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला. उनकी बोल्ड इमेज और ऑन स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें नब्बे के दशक की सबसे चर्चित हीरोइनों में शामिल कर दिया. हालांकि कुछ फिल्मों के बाद ममता कुलकर्णी ने अचानक फिल्मों से दूरी बना ली. उन पर कुछ इल्जाम भी लगे. कहा गया कि वो विदेश में जाकर बस गई हैं. कुछ साल पहले वो अचानक फिर सुर्खियों में छा गईं. लेकिन इस बार वो साध्वी के रूप में नजर आईं.
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