
हिंदी सिनेमा के इतिहास में कुछ फिल्में ऐसी हैं, जो न सिर्फ अपनी कहानी के लिए, बल्कि अपने पीछे की अनकही कहानियों के लिए भी याद की जाती हैं. ऐसी ही एक फिल्म है देश प्रेमी (1982), जो बंगाली सिनेमा के महानायक उतम कुमार की आखिरी फिल्मों में से एक थी. देश प्रेमी देशभक्ति से भरी फिल्म थी, जिसमें उतम कुमार ने महत्वपूर्ण किरदार निभाया था. फिल्म की शूटिंग के दौरान ही 1980 में उतम कुमार का असामयिक निधन हो गया, जिसने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को स्तब्ध कर दिया. उनकी मृत्यु के समय फिल्म की शूटिंग पूरी नहीं हुई थी, और निर्माता-निर्देशक मनमोहन देसाई के सामने एक बड़ी चुनौती थी. उतम कुमार के कुछ दृश्य अधूरे रह गए थे, जिन्हें पूरा करने के लिए अनोखे तरीके अपनाए गए.
देश प्रेमी फुल मूवी
उतम कुमार के डायलॉग्स को अभिनेता सुधीर दलवी ने अपनी आवाज दी, जिससे उनके किरदार को जीवंत रखा गया. आईएमडीबी के मुताबिक, सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उनके बचे हुए दृश्यों को अमिताभ बच्चन के हेयरड्रेसर ने निभाया, जो उतम कुमार से शारीरिक रूप से कुछ हद तक मिलता-जुलता था. यह हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक दुर्लभ और अनोखा उदाहरण है, जहां किसी गैर-अभिनेता ने इतने बड़े सितारे की जगह ली.
देश प्रेमी का बजट उस समय तीन करोड़ था, जो उस दौर के हिसाब से काफी बड़ा था. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 7.2 करोड़ रुपये की कमाई की और व्यावसायिक रूप से सफल रही. अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, शर्मिला टैगोर और परवीन बाबी जैसे सितारों से सजी इस फिल्म ने दर्शकों का दिल जीता. उतम कुमार की मृत्यु के बावजूद, देश प्रेमी उनके अभिनय और सिनेमाई योगदान का प्रतीक बन गई. यह फिल्म न केवल उनकी अंतिम कृति थी, बल्कि हिंदी सिनेमा में उनके प्रशंसकों के लिए एक भावनात्मक स्मृति भी है.
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