
Lucky Ali Birthday: सिंगर लकी अली का नाम भारतीय पॉप और सूफी संगीत की दुनिया में बेहद खास है. उनकी आवाज का जादू शांति, सादगी और गहराई से भरा हुआ है, जो सीधे दिल को छू लेता है. 90 के दशक में जब इंडी-पॉप का दौर था, उस समय ‘ओ सनम' जैसे गानों से लकी अली ने युवाओं के दिलों पर राज किया. 19 सितंबर 1958 को जन्में लकी अली मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता महमूद के बेटे हैं, लेकिन उन्होंने अपने लिए एक अलग और अनूठी पहचान बनाई. फिल्मी गानों के साथ-साथ उनके एल्बम भी सुपरहिट हुए और आज भी लोग उन्हें सुनकर पुरानी यादों में खो जाते हैं. लकी अली को उनकी सूफी आवाज, सादगी भरे अंदाज और दिल से जुड़े गीतों के लिए जाना जाता है.
कई हिट फिल्मी गाने गा चुके हैं लकी अली (Lucky Ali Singer)
लकी अली ने कई फिल्मों के हिट गाने भी गाए हैं. इम्तियाज अली की फिल्म 'तमाशा' में उनका गाया 'सफरनामा' बहुत पसंद किया गया. इससे पहले ऋतिक रोशन की फिल्म 'कहो ना प्यार है' का गाना 'क्यों चलती है पवन' भी हिट रहा. लकी अली अपनी रूहानी आवाज के साथ ही विद्रोही अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके संगीत में यह गहराई उनके जीवन के संघर्षों से आई है. उनकी कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है, जिसमें एक मशहूर पिता का बेटा अपनी पहचान बनाने के लिए घर से भाग गया था. यह किस्सा लकी अली की जवानी से जुड़ा है, जिसके बारे में एक इंटरव्यू में संगीतकार राजेश रोशन ने बताया था.

लकी अली के पिता थे महमूद (Actor Mehmood Son)
दरअसल, लकी अली के पिता, लेजेंड्री अभिनेता महमूद, चाहते थे कि लकी भी उनकी तरह फिल्मों में काम करें. लेकिन लकी को यह मंजूर नहीं था. वह किसी भी तरह के दबाव में नहीं रहना चाहते थे और अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना चाहते थे. जब महमूद का दबाव बढ़ा, तो लकी ने एक बड़ा फैसला लिया. एक दिन वह बिना किसी को बताए घर से भाग गए. उस समय न उनके पास पैसा था और न कोई ठोस योजना. उन्होंने अमेरिका का रुख किया और वहां उन्होंने कई तरह के छोटे-मोटे काम किए. उन्होंने एक घोड़े के फार्म पर काम किया, कालीन साफ किए, यहां तक कि छोटे-मोटे साइकिल रिपेयर का भी काम किया.
यह सब अनुभव उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गए, जिसने उन्हें एक कलाकार के रूप में परिपक्व बनाया. जब लकी अली घर से गए, तो उनके पिता महमूद बहुत परेशान हो गए थे. उन्होंने अपने बेटे को ढूंढने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिले. निराश होकर महमूद ने एक अखबार में एक खुला पत्र प्रकाशित करवाया. इस पत्र में उन्होंने अपने बेटे से वापस आने की गुहार लगाई थी.
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इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि उनका बेटा बहुत ही मुश्किल रास्ते पर चला गया है, लेकिन वह उसे बहुत प्यार करते हैं. महमूद ने लोगों से गुजारिश की थी कि अगर कोई उनके बेटे को देखे, तो उन्हें बताएं कि उनके पिता उन्हें बहुत याद करते हैं. बाद में लकी भारत वापस लौट आए और खुद को एक सिंगर के रूप में भारतीय फिल्म जगत में स्थापित किया. लकी अली का संगीत सिर्फ उनकी आवाज का जादू नहीं है, बल्कि उनकी जिंदगी के अनुभवों का निचोड़ है, जिसने उन्हें आज एक सच्चा कलाकार बनाया है.
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