![इस राजकुमार और मशहूर क्रिकेटर से लता मंगेशकर करती थीं बेपनाह मोहब्बत,प्यार से नाम दिया था 'मिट्ठू' इस राजकुमार और मशहूर क्रिकेटर से लता मंगेशकर करती थीं बेपनाह मोहब्बत,प्यार से नाम दिया था 'मिट्ठू'](https://c.ndtvimg.com/2025-02/lrc8gdqo_lata_625x300_06_February_25.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
स्वर कोकिला लता मंगेशकर को सभी उनकी गायिकी के लिए जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग उनके पर्सनल लाइफ के बारे में जानते हैं. वह अविवाहित थीं इसके बारे में जानते हैं. लेकिन कम ही लोगों को लता मंगेशकर की लव स्टोरी के बारे में. लता क्रिकेट की बहुत बड़ी फैन थीं. यही कारण था कि वह राजस्थान के तेज़ गेंदबाज़ राज सिंह डूंगरपुर के करीब आईं.राज सिंह डूंगरपुर डूंगरपुर के शासक महारावल लक्ष्मण सिंहजी के सबसे छोटे बेटे थे. लता मंगेशकर को क्रिकेट और राज सिंह डूंगरपुर को संगीत बहुत पसंद था और इसी वजह से दोनों एक-दूसरे के करीब आए. 1929 में इंदौर में जन्मी लता मंगेशकर मराठी संगीतकार और थिएटर अभिनेता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की सबसे बड़ी बेटी थीं.
कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी
बीकानेर की राजकुमारी राजश्री, जो राज सिंह डूंगरपुर की भतीजी हैं. उन्होंने अपनी आत्मकथा 'पैलेस ऑफ क्लाउड्स-ए मेमोयर' में अपने मामा और लता मंगेशकर के बीच के रिश्ते के बारे में लिखा है. अपने संस्मरण में उन्होंने लिखा है कि दोनों की मुलाकात हृदयनाथ मंगेशकर के ज़रिए हुई, जो लता मंगेशकर के छोटे भाई हैं. डूंगरपुर के शाही परिवार के राजकुमार राज सिंह 1959 में लॉ की पढ़ाई करने मुंबई गए थे. वे क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी थे. लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ भी क्रिकेट खेलते थे. इस वजह से हृदयनाथ और राज सिंह दोस्त बन गए.
राज सिंह अक्सर हृदयनाथ मंगेशकर के घर जाते थे. मंगेशकर परिवार में आने जाने के दौरान उनकी यहीं पहली मुलाकात लता मंगेशकर से हुई. आपसी बातचीत के बाद राज सिंह और लता मंगेशकर दोस्त बन गए. किताब में लिखा है कि उनकी शुरुआती दोस्ती बाद में प्यार में बदल गई. पढ़ाई पूरी करने के बाद राज सिंह डूंगरपुर लौट आए और अपने परिवार से लता मंगेशकर से शादी करने के इरादे पर चर्चा की. राजश्री लिखती हैं कि राज परिवार नहीं चाहता था कि राज सिंह किसी गैर-शाही परिवार से शादी करें. राज सिंह डूंगरपुर को पारिवारिक दबाव के आगे झुकना पड़ा और आखिरकार उन्होंने शादी की योजना को आगे नहीं बढ़ाया. हालांकि, उन्होंने आजीवन अविवाहित रहकर अपनी प्रेम कहानी को अमर बना दिया. राजश्री की आत्मकथा में यह भी उल्लेख है कि राज सिंह डूंगरपुर लता मंगेशकर को प्यार से 'मिट्ठू' कहते थे. कहा जाता है कि 2009 में राज सिंह की मृत्यु पर लता मंगेशकर उनके अंतिम दर्शन के लिए गुप्त रूप से डूंगरपुर आई थीं.
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