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'मैं तो आरती उतारूं' गाने से घर-घर छाई थीं उषा मंगेशकर, लता मंगेशकर की लाडली ने इन फिल्मों में दी थी आवाज

90 के दशक के बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक, एक गाना 'मैं तो आरती उतारूं संतोषी माता की' हमेशा लोगों की ज़ुबान पर रहा है. यह टीवी पर भी खूब चला और कीर्तनों में भी इसने अपनी खास जगह बनाई, लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इतना मशहूर यह गाना आखिर गाया किसने था? 

'मैं तो आरती उतारूं' गाने से घर-घर छाई थीं उषा मंगेशकर, लता मंगेशकर की लाडली ने इन फिल्मों में दी थी आवाज
'मैं तो आरती उतारूं' गाने से घर-घर छाई थीं उषा मंगेशकर
नई दिल्ली:

90 के दशक के बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक, एक गाना 'मैं तो आरती उतारूं संतोषी माता की' हमेशा लोगों की ज़ुबान पर रहा है. यह टीवी पर भी खूब चला और कीर्तनों में भी इसने अपनी खास जगह बनाई, लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इतना मशहूर यह गाना आखिर गाया किसने था?  ये गाना लता मंगेशकर ने नहीं, बल्कि उनकी छोटी बहन उषा मंगेशकर ने गाया था. बहन लता की तरह आवाज का जादू भगवान ने उषा मंगेशकर को भी दिया, जिसके बलबूते पर उन्होंने हिंदी, मराठी, बंगाली, भोजपुरी, नेपाली, कन्नड़ और असम की भाषा में कई गाने रिलीज किए.

15 दिसंबर को जन्मीं उषा मंगेशकर ने भी बचपन से अपनी बहन लता को परिवार और करियर बनाने के बीच मेहनत करते देखा और अपनी बहन का साथ देने के लिए उन्होंने भी गायन शुरू किया. जब उषा मंगेशकर ने गाना शुरू किया था, उससे पहले ही लता अपना हिंदी सिनेमा में डेब्यू कर चुकी थीं. पिता की मौत के बाद पहले कमाई के लिए गाना गाना शुरू किया था, लेकिन किसी को क्या पता था कि तीनों बहनें सिंगिंग में अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लेंगी.

उषा अपनी बड़ी बहन लता के बहुत करीब थी और बचपन से लेकर बड़े होने तक उन्होंने हर परिस्थिति में उनका पूरा साथ दिया है. लता मंगेशकर के निधन के बाद उन्होंने ही अपनी दीदी की आत्मा को शांति देने के लिए वाराणसी में अस्थिकलश को गंगा में प्रवाहित किया था. उन्होंने कहा कि अब वे अकेली रह गई हैं और उनके लिए एक पल भी काटना मुश्किल हो रहा है. सिंगर ने कहा था कि वे हमेशा महसूस करती हैं कि दीदी उनके साथ ही हैं.

साल 1953 में प्लेबैक सिंगर के रूप में करियर की शुरुआत करने वाली उषा ने पहले कम बजट की फिल्मों में गायन किया, जिससे उनके करियर को बड़ा ब्रेक नहीं मिला. उन्होंने पहली बार 1954 में फिल्म 'सुबह का तारा' का "भाभी आई बड़ी धूम धाम से" गाना गाया था, लेकिन असल पहचान 1975 में आई फिल्म 'जय संतोषी मां' का गाना 'मैं तो आरती' गाकर मिली थी। ये गाना घर-घर प्रसिद्ध हुआ था. इस गाने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था, जिसके बाद उन्हें "मंगता है तो आजा" और "हमसे नजर तो मिलाओ" के लिए भी सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के तौर पर नॉमिनेट किया गया.

उन्होंने 1978 में आई फिल्म 'खट्टा मीठा,' 1979 में आई 'तराना','काला पत्थर,' 1980 में आई 'नसीब' और 'खूबसूरत,' और 1981 में आई 'डिस्को डांसर' जैसी फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी. उषा ने अपनी बहन के साथ मिलकर भी डुएट भी गाए, जिसमें 'आया मौसम दोस्ती का,' 'आशा का फूल,' और 'सब जनता का है' जैसे हिट गाने मिलकर गाए.

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