
सिनेमा की दुनिया में हर सितारा चमकता है, लेकिन उसके पीछे की कहानी अक्सर संघर्ष के पसीने से सराबोर होती हैं. खेसारी लाल यादव का नाम आज भोजपुरी इंडस्ट्री की ‘हिट मशीन' के रूप में गूंजता है. उनकी फिल्में करोड़ों कमाती हैं, लाखों फैन दीवाने हैं, लेकिन यह सफलता रातोंरात नहीं मिली. यह एक ऐसे लड़के की दास्तान है, जिसने लिट्टी-चोखा बेचकर सपने संजोए, असफलताओं का सामना किया और कभी हार नहीं मानी. खेसारी की फिल्मों के तेवर को समझने के लिए उनका ये एक डायलॉग ही काफी है कि ईश्वर एक बा, इंसान एक बा, मजहब एक बा, और हमारी मोहब्बत एक बा...आइए जानतें हैं कैसे खेसारी लाल यादव ने बुंलंदियों को छुआ...
शत्रुघ्न कैसे बना खेसारी
खेसारी लाल का जन्म 15 मार्च 1986 को बिहार के एक गरीब परिवार में हुआ. उन्हें नाम मिला शत्रुघ्न कुमार यादव. थोड़े बड़े हुए तो उनकी बोलने की आदत देखकर उनका परिवार हैरान रह गया. इसी वजह से उन्हें खेसारी नाम मिला. पिता यादव मजदूरी करते थे, घर की हालत ऐसी कि भूखे सोना आम बात थी. बचपन से ही खेसारी को संगीत का शौक था. वे लोकगीत गाते, लेकिन परिवार का बोझ उठाने के लिए स्कूल छोड़ दिया. पिता की मदद के लिए वे स्टेज पर डांस करने लगे. सड़कों पर नाचते, भीड़ इकट्ठी करते और थोड़े-बहुत पैसे कमाते. लेकिन सपना बड़ा था – भोजपुरी सिनेमा में नाम कमाना.

पत्नी चंदा के साथ खेसारी लाल यादव
सड़कों पर बेचा लिट्टी चोखा
पैसे कमाने के लिए खेसारी लाल यादव ने लिट्टी-चोखा का ठेला लगाया. उन्होंने इस कमाई से 12 हजार रुपये बचाकर अपना पहला एल्बम लॉन्च किया. लेकिन ये एल्बम नहीं चली. कहा जाता है कि इसके बाद खेसारी लाल यादव ने भोजपुरी के मशहूर सिंगर गुड्डू रंगीला के घर में रहकर काम किया. फिर उन्होंने 25 हजार रुपये कमाए और अपना दूसरा एल्बम लॉन्च कर दिया. इससे उन्हें थोड़ी पहचान मिल गई. यही नहीं म्यूजिक को लेकर ऐसा जुनून था कि बिहार और यूपी के कई इलाकों में उन्होंने खुद इसका प्रचार किया.

भोजपुरी के सबसे महंगे एक्टर
लेकिन तीसरी एल्बम के साथ जादू हुआ. एल्बम ‘प्यार के चट्टा' हिट हो गया. गाने भोजपुरी इलाकों में गूंजने लगे. इस सफलता ने दरवाजे खोले. 2000 के दशक में खेसारी को फिल्म ‘साजन चले ससुराल' मिली. छोटा-सा रोल था, लेकिन उन्होंने जान डाल दी. गाने, डायलॉग्स, सब में भोजपुरी का असली स्वाद घोल दिया. दर्शकों ने सराहा. फिर आई ‘मेहंदी लगा के रखना', जो सुपरहिट रही. इसके बाद ‘लिट्टी चोखा', ‘दुल्हन वही जो पिया मन भाए', ‘बलमुआ तोहरे खातिर' जैसी फिल्में आईं. हर फिल्म ब्लॉकबस्टर. खेसारी की एक्टिंग, डांस और गायकी ने दर्शकों के दिल जीत लिए. वे भोजपुरी के ‘किंग' बन गए. बताया जाता है कि वो एक फिल्म के लिए लगभग 50 लाख रुपये फीस तक लेते हैं.
खेसारी लाल यादव की नेटवर्थ
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, खेसारी लाल यादव की नेटवर्थ लगभग 15 करोड़ रुपये बताई जाती है. वे प्रोड्यूसर भी हैं. सोशल मीडिया पर करोड़ों फॉलोअर्स हैं. वे बिग बॉस 13 में भी नजर आ चुके हैं. वे कभी अपने पुराने दिनों को नहीं भूले. अब तो खेसारी लाल यादव बॉलीवुड में भी एंट्री कर चुके हैं और वरुण धवन की फिल्म 'सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' में 'पनवाड़ी' गाना भी गा चुके हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव में खेसारी लाल
खेसारी लाल यादव की एंट्री बिहार विधानसभा चुनाव में हो गई है. खेसारी लाल यादव ने राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता ले ली है. उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि वो छपरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. पहले खेसारी की पत्नी चंदा देवी के चुनाव लड़ने की चर्चा थी.
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