अभिनेता कबीर बेदी ने हमेशा अपनी शर्तों पर जीवन जिया है. उन्होंने हाल ही में डिजिटल कमेंट्री के साथ एक इंटरव्यू में ओडिसी नृत्यांगना प्रोतिमा बेदी के साथ अपनी ओपन मैरिज के बारे में खुलकर बात की. कबीर और प्रोतिमा (1998 में मृत्यु हो गई), एक बेटी पूजा और एक बेटे सिद्धार्थ के माता-पिता थे. बातचीत के दौरान, कबीर बेदी ने खुलासा किया कि वह और प्रतिमा अपने बच्चों की खातिर साथ रहना चाहते थे. साथ ही, उन्होंने ओपन मैरिज को चुना क्योंकि वे अपने-अपने जीवन में संबंध रखना चाहते थे. अपनी पहली पत्नी प्रोतिमा के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछे जाने पर कबीर ने कहा, "जब आप अतीत के बारे में सोचते हैं, तो आपको कुछ पछतावा होता है, हर कोई ऐसा महसूस करता है और आप सोचते हैं कि आप क्या अलग कर सकते थे".
कबीर और प्रोतिमा बेदी सामाजिक मानदंडों के अनुरूप नहीं रहना चाहते थे. अपने द्वारा चुने गए विकल्पों पर विचार करते हुए कबीर ने कहा, "उस समय, हमें लगा कि अगर हम साथ रहना चाहते हैं, तो यह बच्चों के लिए है. और अगर हमारा झुकाव ऐसा है कि वह संबंध बनाना चाहती है और मैं भी संबंध बनाना चाहता हूं, तो सबसे अच्छी बात यह है कि हम एक अपन मैरिज कर सकते हैं. आप जो चाहें करें और मैं जो चाहूं करूंगा. हम साथ रहेंगे और अपने बच्चों की परवरिश साथ मिलकर करेंगे। लेकिन आखिरकार, यह काम नहीं आया. और साथ काम करना मुश्किल था".
कबीर ने बताया कि अलग होने के बाद भी वह हमेशा अपने बच्चों के लिए मौजूद रहे, भले ही उस समय वह अमेरिका में काम कर रहे थे. उन्होंने कहा, "भले ही हम अलग हो गए, हमने तलाक ले लिया, मैंने अपनी सारी ज़िम्मेदारियां पूरी कीं. मैंने अपना घर उसे दे दिया, और उसका साथ भी दिया. हम पूरी ज़िंदगी दोस्त बने रहे क्योंकि हमारे दो बच्चे थे, और हम चाहते थे कि बच्चे जानें कि भले ही माता-पिता साथ न रह सकें, लेकिन वे अभी भी हमारे माता-पिता हैं".
करियर की बात करें तो कुर्बान, द हीरो: लव स्टोरी ऑफ़ ए स्पाई और दिलवाले जैसी फिल्मों में अपने काम के अलावा, कबीर बेदी कई हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स में भी दिखाई दिए हैं, जिनमें द आर्चर: फ्यूजिटिव फ्रॉम द एम्पायर, ला टाइग्रे ई एनकोरा विवा: सैंडोकन अल्ला रिस्कोसा! और द थीफ ऑफ बगदाद शामिल हैं.
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