यूलिया वंतूर ने अपना पहला रोमानियन सॉन्ग कोलिंदे, कोरिंदे रिलीज कर दिया है, जिसे दर्शकों से काफी प्यार मिल रहा है. रोमेनियन टेलीविजन पर लोकप्रिय चेहरा बनने और पिछले 14 सालों से बॉलीवुड में सफल करियर बनाने के बाद यूलिया ने पहली बार अपनी मातृभाषा में गीत गाया है. इस खास कैरल को पहली बार वेटिकन में पॉल VI हॉल में प्रस्तुत किया गया, जहां पोप लियो XIV की मौजूदगी में और दुनिया भर के प्रमुख आध्यात्मिक नेताओं के सामने इसका प्रदर्शन हुआ. यह प्रस्तुति नोस्त्रा एताते के 60 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित भव्य समारोह का हिस्सा थी.
यूलिया वंतूर ने इस गीत को अपने लिए एक सपना सच होने जैसा बताया. उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से रोमानियन भाषा में गाना चाहती थीं और उन्हें बेहद खुशी है कि उनका पहला रोमानियन गीत एक क्रिसमस कैरल है. उनके लिए कैरल बचपन, घर, रोमानिया और अपने माता पिता से जुडाव का प्रतीक हैं. यूलिया ने बताया कि वह हर साल दुनिया के किसी भी कोने में हों, अपने माता पिता के लिए क्रिसमस कैरल जरूर गाती हैं. वीडियो कॉल पर गाए जाने वाले ये गीत उनके परिवार की एक खास परंपरा बन चुके हैं, जो हर बार भावुक कर देते हैं.
यूलिया की भारत में संगीत यात्रा भी एक रोमानियन कैरल से ही शुरू हुई थी. चौदह साल पहले गाया गया वही कैरल बाद में भारत में तेरी मेरी गीत के रूप में दोबारा रचा गया, जिससे उनके पहले हिंदी गीत का रास्ता खुला. जब उन्हें पोप की उपस्थिति में वेटिकन में गाने का निमंत्रण मिला, तो उन्होंने अपने दिल के बेहद करीब गीत कोलिंदे, कोरिंदे को ही चुनना सही समझा. उनके अनुसार यह गीत उनकी रोमानियन पहचान को सबसे सच्चे रूप में दर्शाता है.
कोलिंदे, कोरिंदे का म्यूजिक वीडियो लंदन और रोमानिया में फिल्माया गया है, जिसमें यूलिया के माता पिता भी नजर आते हैं. यह गीत उन्होंने अपने माता पिता और दुनिया भर के सभी माता पिता को समर्पित किया है. यूलिया का कहना है कि यह कैरल सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि एक एहसास है, जो घर की याद, अपनों के साथ होने की तडप और क्रिसमस की गर्माहट को दर्शाता है. त्योहारों के मौसम में रिलीज हुआ यह गीत लोगों के दिलों में खुशी, शांति और अपनेपन की भावना भरने का संदेश देता है.
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