Happy Kiss Day: मिर्ज़ा ग़ालिब ने सिखाए इश्क के यह 7 सबक, Kiss Day पर अपने Valentine का यूं जीतें दिल

Happy Kiss Day: मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) कम शब्दों में गहरी बात करते हैं और इश्क को लेकर मिर्ज़ा ग़ालिब के सिखाए 7 सबक...

Happy Kiss Day: मिर्ज़ा ग़ालिब ने सिखाए इश्क के यह 7 सबक, Kiss Day पर अपने Valentine का यूं जीतें दिल

Kiss Day 2020: 'किस डे' पर पढ़ें मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) की ये शायरियां

खास बातें

  • मिर्ज़ा ग़ालिब की इश्क पर पढ़ें ये शायरी
  • किस डे पर वायरल हो रही हैं मिर्ज़ा ग़ालिब की ये शायरी
  • अपने वैलेंटाइन को सुनाए ये शायरी
नई दिल्ली:

Happy Kiss Day 2020: वैलेंटाइन वीक (Valentine Week) में 13 फरवरी को आता है किस डे (Kiss Day 13 February). किस डे के अगले ही दिन वैलेंटाइन्स डे (Valentine's Day 14 February) आता है. वैलेंटाइन्स डे (Valentines Day) के मौके पर शेरो शायरी (Valentine's Day Shayari) का प्रेम का इजहार करने के लिए खूब इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि दिन चाहे कोई भी रहे लेकिन शायरी एवरग्रीन रहती है और प्रेमियों के बीच काफी पॉपुलर भी रहती है. फिर अगर कम शब्दों में गहरी बात कहनी हो तो उर्दू के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib Shayari) का कोई तोड़ नहीं है. किस डे (Kiss Day) पर पढ़ें मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) की शायरी. 

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Happy Kiss Day 2020: किस डे पर मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) के 7 सबक

इश्क पर जोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब' 
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने 

अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा 
जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा

आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हंसी 
अब किसी बात पर नहीं आती

आता है दाग़-ए-हसरत-ए-दिल का शुमार याद 
मुझ से मिरे गुनह का हिसाब ऐ ख़ुदा न माँग

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक 
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक

इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया 
वर्ना हम भी आदमी थे काम के

इश्क से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया 
दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया

Kiss Day 2020: मिर्ज़ा ग़ालिब के अलावा अन्य उर्दू शायरों की शायरी...

इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा 
मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा 
अदीम हाशमी

दिल सा खिलौना हाथ आया है 
खेलो तोड़ो जी बहलाओ 
इब्न-ए-सफ़ी

चाहिए क्या तुम्हें तोहफ़े में बता दो वर्ना
हम तो बाज़ार के बाज़ार उठा लाएँगे
अता तुराब

कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो
उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं
अली सरमद

आज भी शायद कोई फूलों का तोहफ़ा भेज दे
तितलियाँ मंडला रही हैं काँच के गुल-दान पर
शकेब जलाली


दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले
कैफ़ भोपाली

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