पहली फिल्म बंपर हिट और उसके बाद बैक टू बैक फ्लॉप फिल्मों की कतार. दाद दीजिए इस बच्ची के हौसले की जो अपने अलहदा लुक्स के बावजूद बॉलीवुड में जगह बनाने में कामयाब रही. उसके बाद एक डायरेक्टर ने सबके सामने स्टूपिड यानी कि वाहियात कह कर नकार दिया. इन सबके बावजूद इसने हार नहीं मानी. ऐसा गजब का काम कर दिखाया कि जो गाना उस दौर की टॉप हीरोइन माधुरी दीक्षित के लिए लिखा गया था, वो इस बच्ची के नाम हो गया. इसके बाद फैंस से इतना प्यार मिला कि दूसरे देश की होकर भी इस बच्ची ने पूरे बॉलीवुड को अपना बना लिया. क्या आपने पहचाना ये बच्ची कौन है.
इस बच्ची को अब तक न पहचान पाएं हों तो पहले वो गाना याद कर लीजिए एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा...जी हां, अब सही पहचाने आप ये बच्ची कोई और नहीं मनीषा कोइराला हैं. 1942 ए लव स्टोरी के ऑडिशन के दौरान फिल्म मेकर विधु विनोद चोपड़ा ने मनीषा कोइराला को स्टूपिड कह कर लौटा दिया था. वो फिल्म में माधुरी दीक्षित को कास्ट करना चाहते थे. उन्हीं के लिए वो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा गाना लिखवा भी चुके थे. लेकिन डेट्स की कमी के चलते माधुरी दीक्षित उपलब्ध नहीं हो सकीं. विधु विनोद चोप़ड़ा ने दोबारा मनीषा कोइराला का ऑडिशन देखा. इस बार वो उनके पैमाने पर खरी उतरीं और माधुरी दीक्षित को भुलाकर ये फिल्म और ये गाना दोनों मनीषा कोइराला के हिस्से में दे दिया.
मुश्किल से मिला दर्शकों का प्यार
मनीषा कोइराला के करियर की शुरूआत में उन्हें माधुरी दीक्षित का हमशक्ल भर मानकर पहचान मिली. पहली फिल्म सौदागर ने तो बॉक्स ऑफिस पर जमकर जलवा दिखाया, लेकिन इसके बाद तीन फिल्में बैक टू बैक फ्लॉप रहीं, जिसकी वजह से मनीषा कोइराला पर अनलकी होने का टैग लगा. लेकिन मनीषा कोइराला इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाली थीं. उन्हें 1942 ए लव स्टोरी जैसी फिल्म में काम करने का मौका मिला. इसके बाद मनीषा कोइराला ने पलट कर नहीं देखा. बॉम्बे, खामोशी द म्यूजिकल, मन, लज्जा जैसी एक के बाद एक दमदार फिल्में करके उन्होंने बॉलीवुड में अपनी खास जगह बना ही ली.
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