K.L. Saigal's 114th Birthday: देवदास (1935) में जमना और के.एल. सहगल
नई दिल्ली:
के.एल. सहगल (K.L. Saigal) का जन्म 11 अप्रैल 1904 को जम्मू के नवांशहर में हुआ था. गूगल ने हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार के.एल. सहगल पर आज का डूडल बनाया है. के.एल. सहगल ने 'जब दिल ही टूट गया' गाकर पूरे देश को इमोशनल कर दिया था और आज भी इस गाने को खूब सुना जाता है. के.एल. सहगल का पूरा नाम कुंदन लाल सहगल था और आज उनकी 114वीं जयंती है. इस मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और ‘K. L. Saigal 114th Birthday’ शीर्षक से डूडल बनाया है. वे एक्टिंग से लेकर गायकी दोनों में ही माहिर थे, और उनके गाए गाने आज भी मील का पत्थर हैं.
Google Doodle: लता मंगेशकर ने खुद को बताया K.L. Saigal की भक्त, अधूरी रह गई ये ख्वाहिशें...
के.एल. सहगल ने अपनी गायकी और एक्टिंग से ‘देवदास (1935)’ के कैरेक्टर को अमर कर दिया था, और 'देवदास' को लेकर ऐसी मिसाल कायम की जिसे आज तक कोई नहीं छू सका है. के.एल. सहगल ने जल्द ही पढ़ाई छोड़कर पैसे कमाना शुरू कर दिया था. वह रेलवे टाइमकीपर के तौर पर काम करने लगे. बाद में उन्होंने रेमिंगटन टाइपराइटर कंपनी में टाइपराइटर सेल्समैन के रूप में काम किया. उन्होंने होटल मैनेजर के तौर पर भी काम किया.
देखें, वीडियो....
आइए जानें के.एल. सहगल के बारे में जानते हैं ये 5 खास बातें:
1. के.एल. सहगल के पिता अमरचंद सहगल जम्मू में तहसीलदार थे. कुंदन की माता धार्मिक स्वभाव की थीं और वे कुंदन को अपने साथ भजन कीर्तन में ले जाती थीं और बचपन वे राम लीला में सीता का किरदार निभाया करते थे.
K. L. Saigal Google Doodle: रामलीला में के एल सहगल निभाते थे सीता का किरदार, ऐसे बने भारत के पहले सुपरस्टार
2. के.एल. सहगल ने जब 1930 के दशक में गायकी शुरू की उस समय फिल्में साइलेंट फिल्मों के दौर से निकली ही थीं, ऐसे में उन्हें सबकुछ अपने दम पर करना था. उन्होंने गायकी की ऐसी मिसाल कायम की जिसे छूना उनके समकालीन किसी सिंगर के बस का नहीं था.
3. के.एल. सहगल नाक से गाते थे. इसलिए उनकी गायकी थोड़ी हटकर हो जाती थी और उनकी आवाज का दर्द दिल को गहरे तक छूता था.
4. 1932 में उनका पहला नॉन फिल्मी रिकॉर्ड ‘झूलाना झुलाओ री’ आया तो इसके लगभग पांच लाख रिकॉर्ड बिके थे, जो एक रिकॉर्ड था क्योंकि उस दौर में बहुत कम ही लोगों के पास रिकॉर्ड प्लेयर हुआ करते थे.
Google Doodle Kamaladevi Chattopadhyay: तिरंगे की शान की खातिर जान पर खेल गई थीं कमलादेवी, फरीदाबाद और NSD हैं उनकी देन
5. 1935 में के.एल. सहगल की ‘देवदास’ आई और वो पूरे देश के चहेते बन गए. न सिर्फ एक्टर के तौर पर स्थापित हुए बल्कि उनकी गायकी भी पूरे देश में छा गई. फिल्म के दो गाने ‘दुख का दिन अब बीतत नहीं’ और ‘बालम आए बसो मेरे मन में’ गाने तो खूब हिट हुए.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
Google Doodle: लता मंगेशकर ने खुद को बताया K.L. Saigal की भक्त, अधूरी रह गई ये ख्वाहिशें...
के.एल. सहगल ने अपनी गायकी और एक्टिंग से ‘देवदास (1935)’ के कैरेक्टर को अमर कर दिया था, और 'देवदास' को लेकर ऐसी मिसाल कायम की जिसे आज तक कोई नहीं छू सका है. के.एल. सहगल ने जल्द ही पढ़ाई छोड़कर पैसे कमाना शुरू कर दिया था. वह रेलवे टाइमकीपर के तौर पर काम करने लगे. बाद में उन्होंने रेमिंगटन टाइपराइटर कंपनी में टाइपराइटर सेल्समैन के रूप में काम किया. उन्होंने होटल मैनेजर के तौर पर भी काम किया.
देखें, वीडियो....
आइए जानें के.एल. सहगल के बारे में जानते हैं ये 5 खास बातें:
1. के.एल. सहगल के पिता अमरचंद सहगल जम्मू में तहसीलदार थे. कुंदन की माता धार्मिक स्वभाव की थीं और वे कुंदन को अपने साथ भजन कीर्तन में ले जाती थीं और बचपन वे राम लीला में सीता का किरदार निभाया करते थे.
K. L. Saigal Google Doodle: रामलीला में के एल सहगल निभाते थे सीता का किरदार, ऐसे बने भारत के पहले सुपरस्टार
2. के.एल. सहगल ने जब 1930 के दशक में गायकी शुरू की उस समय फिल्में साइलेंट फिल्मों के दौर से निकली ही थीं, ऐसे में उन्हें सबकुछ अपने दम पर करना था. उन्होंने गायकी की ऐसी मिसाल कायम की जिसे छूना उनके समकालीन किसी सिंगर के बस का नहीं था.
3. के.एल. सहगल नाक से गाते थे. इसलिए उनकी गायकी थोड़ी हटकर हो जाती थी और उनकी आवाज का दर्द दिल को गहरे तक छूता था.
4. 1932 में उनका पहला नॉन फिल्मी रिकॉर्ड ‘झूलाना झुलाओ री’ आया तो इसके लगभग पांच लाख रिकॉर्ड बिके थे, जो एक रिकॉर्ड था क्योंकि उस दौर में बहुत कम ही लोगों के पास रिकॉर्ड प्लेयर हुआ करते थे.
Google Doodle Kamaladevi Chattopadhyay: तिरंगे की शान की खातिर जान पर खेल गई थीं कमलादेवी, फरीदाबाद और NSD हैं उनकी देन
5. 1935 में के.एल. सहगल की ‘देवदास’ आई और वो पूरे देश के चहेते बन गए. न सिर्फ एक्टर के तौर पर स्थापित हुए बल्कि उनकी गायकी भी पूरे देश में छा गई. फिल्म के दो गाने ‘दुख का दिन अब बीतत नहीं’ और ‘बालम आए बसो मेरे मन में’ गाने तो खूब हिट हुए.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं