मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने अपने दोनों बच्चों फरहान और जोया अख्तर की परवरिश करते वक्त इस बात का खास ख्याल रखा कि उनके बच्चे एक धर्मनिरपेक्ष वातावरण में पले बढ़े. हाल ही में एक इंटरव्यू में जावेद साहब ने कहा कि बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने की बजाय उन्होंने बच्चों को उदाहरण देकर मोरल वैल्यूज की बातें सिखाई हैं. सायरस के साथ हुए एक हालिया इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने इस बात का खुलासा किया है कि फरहान अख्तर ने अपनी बेटियों शाक्या और अकीरा के बर्थ सर्टिफिकेट में धर्म सेक्शन में क्या लिखा है. ये जानने के बाद यकीनन आप भी यही कहेंगे कि ये एक बेहतर समाज बनाने के प्रति किसी मिसाल से कम नहीं है.
क्रैश कोर्स नहीं सिखा दे सकते है नैतिक शिक्षा
सायरस सेज को दिए इस इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने जिंदगी के उस पाठ के बारे में बताया जिसकी सीख देकर उन्होंने अपने बच्चों को बड़ा किया है. जावेद अख्तर ने कहा कि, 'मुझे नहीं लगता कि बच्चों को नैतिक मूल्यों का पाठ किसी क्रैश कोर्स के जरिए दिया जा सकता है. लाइफ के कई लेसन बच्चों को उदाहरण देकर सिखाए जाते हैं. बच्चे वो नहीं करते जो आप उनसे करने के लिए कहते हैं, बच्चे वो करते हैं जो वो आपको करते हुए देखते हैं. वो देखते और समझते हैं कि आपकी मोरल वैल्यू क्या हैं और आपके विचार क्या हैं. आप लाइफ में किन चीजों की तारीफ करते हैं, आपके लिए क्या चीजें जरूरी हैं. यही चीजें आगे जाकर दूसरों में आती हैं'.
बेटियों के बर्थ सर्टिफिकेट के रिलिजन कॉलम में लिखा...
जावेद अख्तर ने बताया कि उनके बेटे फरहान अख्तर ने अपनी बेटियों के बर्थ सर्टिफिकेट में धर्म संबंधी सेक्शन में नॉट एप्लीकेबल लिखा है. उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्य उस वातावरण से आते हैं जहां बच्चे बड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि जो मोरैलिटी, एटीट्यूट आपके चारों तरफ है, उसके दो रिएक्शन हो सकते हैं. या तो आप उस में ढल जाओ या फिर उसकी खिलाफत करो. कई हिट फिल्मों में गीत लिख चुके जावेद अख्तर की पहली शादी हनी ईरानी से हुई थी जिससे उनको दो बच्चे हुए, फरहान और जोया. हनी ईरानी से तलाक के बाद जावेद अख्तर ने एक्ट्रेस शबाना आज़मी से निकाह किया था.
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