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तस्वीर में दिख रही इस एक्ट्रेस की लव स्टोरी ने एक लैब अस्सिटेंट को बनाया स्टार, बड़े एक्टर से छिना का काम

Devika Rani love story : देविका रानी की लव स्टोरी ने एक लैब अस्सिटेंट को बनाया स्टार और बड़े एक्टर से छिन गया काम, दिलचस्प है पूरी कहानी

तस्वीर में दिख रही इस एक्ट्रेस की लव स्टोरी ने एक लैब अस्सिटेंट को बनाया स्टार, बड़े एक्टर से छिना का काम
Devika Rani love story : देविका रानी की लव स्टोरी ने एक लैब अस्सिटेंट को बनाया स्टोरी
नई दिल्ली:

हिंदी सिनेमा से जुड़ी कुछ हस्तियों की रियल लाइफ की कहानियां भी बेहद दिलचस्प रही हैं. इतनी दिलचस्प की रील लाइफ की स्टोरीज भी उनके आगे फीकी ही लगती है. ऐसी ही लव स्टोरी है हिंदी फिल्मों की फर्स्ट लेडी कही जाने वाली एक्ट्रेस की. ये एक्ट्रेस हैं देविका रानी. जो अपनी अदाओं, मासूमियत और स्क्रीन प्रेजेंस से ही दर्शकों के दिलों में खास जगह बना लिया करती थीं. उनकी लव लाइफ बेहद इंटरेस्टिंग रही है. जो एक आम इंसान को बड़े हीरो बनाने और एक बड़े हीरो से सब कुछ छिन जाने से जुड़ी है.

शादी और प्यार की कहानी

देविका रानी की शादी निर्माता-निर्देशक हिमांशु राय से हुई थी और दोनों ने मिलकर बॉम्बे टॉकीज की नींव रखी. लेकिन इसी दौरान उनकी जिंदगी में आया एक ऐसा मोड़ जिसने इंडियन सिनेमा का चेहरा हमेशा के लिए बदल दिया. 1930 के दशक में बॉम्बे टॉकीज की फिल्म जवानी की हवा रिलीज हुई थी. इस फिल्म में देविका रानी के हीरो थे लंबे-चौड़े और हैंडसम एक्टर नजम-उल-हसन. फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और ये रिश्ता प्यार में बदल गया. कहा जाता है कि दोनों ने भागकर कलकत्ता तक का सफर भी किया और कराची जाने की प्लानिंग थी.

ये कदम देविका के करियर और शादी दोनों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता था. लेकिन तभी बॉम्बे टॉकीज के सहयोगी शशधर मुखर्जी ने बीच-बचाव किया. उन्होंने देविका रानी को मनाकर वापस हिमांशु राय के पास भेजा. वहीं, हसन को बॉम्बे टॉकीज का कॉन्ट्रैक्ट गंवाना पड़ा और उनका करियर यहीं ठहर गया.

नए चेहरे को मिला मौका

अब समस्या ये थी कि बॉम्बे टॉकीज का हीरो अचानक बीच फिल्म से गायब हो गया. नए चेहरे की तलाश में हिमांशु राय ने फैसला किया कि इस बार एक साधारण शक्ल-सूरत वाला इंसान हीरो बनेगा. इसी दौरान शशधर मुखर्जी ने अपने जीजा कुमुदलाल गांगुली का नाम सुझाया, जो स्टूडियो में लैब असिस्टेंट थे. पहले तो सभी को शक था कि इतना सीधा-सादा आदमी हीरो कैसे बनेगा, लेकिन हिमांशु राय ने उन्हें मौका दे दिया. यहीं से कुमुदलाल को नया नाम मिला—अशोक कुमार. उनकी देविका रानी के साथ फिल्म जीवन नइया आई और जोड़ी हिट हो गई. इसके बाद अछूत कन्या ने उन्हें स्टार बना दिया. कह सकते हैं कि अगर देविका रानी नजम-उल-हसन के साथ भागी न होतीं, तो शायद हिंदी सिनेमा को अशोक कुमार जैसा लेजेंडरी हीरो कभी नहीं मिलता.

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