शेखर सुमन भारतीय टीवी और फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता हैं. वह न सिर्फ बड़े पर्दे पर बल्कि छोटे पर्दे पर भी दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे हैं. अपने अभिनय और होस्टिंग के अंदाज के कारण उन्हें कई बार कॉमेडी के बादशाह भी कहा गया है. खासकर उनके टीवी शो 'देख भाई देख' और 'मूवर्स एन शेकर्स' ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया. उनकी टाइमिंग और एक्सप्रेशन की तारीफ हर उम्र के दर्शक करते हैं. शेखर सुमन ने मेहनत और धैर्य से सफलता हासिल की है. शेखर सुमन का जन्म 7 दिसंबर 1962 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. बचपन से ही उनमें अभिनय और कला के प्रति रुचि थी. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने करियर के तौर पर एक्टिंग को चुना और मुंबई आ गए. शुरुआत में उन्हें कई संघर्षों का सामना करना पड़ा. उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था और आर्थिक परेशानियां बढ़ती जा रही थीं, लेकिन अपने सपनों को छोड़ना उनके लिए कभी विकल्प नहीं था.
रेखा के साथ शेखर सुमन ने किया था डेब्यू
शेखर सुमन ने बॉलीवुड में डेब्यू फिल्म 'उत्सव' (1984) से किया. इस फिल्म में उन्होंने रेखा के अपोजिट काम किया. यह फिल्म उनके लिए बहुत खास थी क्योंकि इस फिल्म से ही उन्हें इंडस्ट्री में पहचान मिली. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जैसे 'मानव हत्या', 'नाचे मयूरी', 'संसार', 'त्रिदेव', 'पति परमेश्वर', 'रणभूमि', 'चोर मचाए शोर', 'एक से बढ़कर एक', और 'भूमि'. फिल्मों में उनकी एक्टिंग की हमेशा प्रशंसा हुई, लेकिन उन्हें जो लोकप्रियता टीवी से मिली, वह अलग ही थी.
दूरदर्शन में छाए शेखर सुमन
शेखर सुमन का टीवी करियर 1984 में शुरू हुआ, जब वह 'वाह! जनाब' में नजर आए. यह शो दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ और दर्शकों ने इसे बहुत पसंद किया. इसके बाद उन्हें असली पहचान टीवी कॉमेडी शो 'देख भाई देख' से मिली. इस शो में उनके अभिनय की टाइमिंग और चेहरे के हावभाव ने सभी का दिल जीत लिया. इसके बाद उन्होंने 'मूवर्स एन शेकर्स', 'सिंपली शेखर' और 'कैरी ऑन शेखर' जैसे कई हिट शो किए. इन शो में उनकी कॉमेडी और मजेदार अंदाज को लोग हमेशा याद करते हैं.
होस्टिंग की दुनिया में छोड़ी शेखर सुमन ने छाप
शेखर सुमन ने टीवी शो होस्टिंग में भी अपनी छाप छोड़ी. उन्होंने 'द ग्रेट इंडियन कॉमेडी शो', 'झलक दिखला जा', 'कॉमेडी सुपरस्टार', और कई रियलिटी शो होस्ट किए. दर्शकों ने उन्हें सिर्फ अच्छे अभिनेता ही नहीं बल्कि शानदार होस्ट भी माना. उनका अंदाज सरल और दर्शकों से जुड़ने वाला रहा.शेखर सुमन का निजी जीवन भी काफी दिलचस्प और संघर्ष भरा रहा.
11 साल के बेटे की मौत का झेला दुख
शेखर सुमन ने 1983 में फिल्म निर्माता अल्का सुमन से शादी की. उनके दो बेटे अध्ययन सुमन और आयुष हैं. अध्ययन ने भी फिल्मों में कदम रखा, लेकिन बड़े पर्दे पर अपने पिता जैसी पहचान नहीं बना पाए. शेखर और उनकी पत्नी के लिए सबसे बड़ा दुख उनके बेटे आयुष की 11 साल की उम्र में बीमारी के कारण असामयिक निधन था. इस दुख के बावजूद वह कभी करियर में पीछे नहीं हटे और हमेशा मेहनत करते रहे. शेखर सुमन को उनके करियर के दौरान कई पुरस्कार मिले. उन्होंने 'मूवर्स एन शेकर्स' के लिए आईटीए अवार्ड जीता और 'कैरी ऑन शेखर' के लिए इंडियन टेली अवार्ड भी मिला.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं