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जिस बेटी को पेट में खत्म करने की सोची उसी ने बदली जिंदगी, भारती सिंह के संघर्ष सुन नम हो जाएंगी आंखें

कॉमेडी क्वीन नाम से मशहूर भारती सिंह के लबों पर हमेशा हंसी नजर आती है लेकिन उनके संघर्ष की काहनी सुनेंगे तो आपकी आंखें भी नम हो जाएंगी.

जिस बेटी को पेट में खत्म करने की सोची उसी ने बदली जिंदगी, भारती सिंह के संघर्ष सुन नम हो जाएंगी आंखें
भारती सिंह आज यानी कि 3 जुलाई को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं.
नई दिल्ली:

कॉमेडी क्वीन बन चुकीं भारती सिंह आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और टैलेंट से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है. एक तरफ जहां स्टैंडअप कॉमडी में पुरुषों का ही बोलबाला था भारती ने अपनी जगह बनाई. एक रियलिटी शो के जरिए इंडस्ट्री में आईं भारती आज हर रियलिटी शो और अवॉर्ड नाइट की जान हैं. उनकी हंसी और एनर्जी उनके आस-पास के लोगों को हंसाने करने के लिए काफी है. हालांकि भारती की जिंदगी शुरुआत से इतनी आसान नहीं रही. उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत से संघर्षों का सामना किया है. भारती की शुरुआती जिंदगी गरीबी में बीती. उन्होंने एक बार कहा था, "अमीरी में कॉमेडी हो ही नहीं सकती". भारती ने ना केवल अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकाला बल्कि अपनी किस्मत भी बदल दी. आइए जानते हैं मशहूर कॉमेडियन भारती सिंह की इंस्पिरेशनल कहानी के बारे में.

3 जुलाई 1984 को अमृतसर, पंजाब में जन्मी भारती सिंह के माता-पिता पंजाब से थे. भारती के पिता के पूर्वज नेपाल से थे. भारती सबसे छोटी हैं और उनके दो बड़े भाई-बहन हैं, एक भाई और एक बहन. भारती का परिवार गरीब था और जब उनकी मां गर्भवती थीं तो हालात ऐसे थे कि उन्होंने अबॉर्शन करवाने के बारे में भी सोचा लेकिन भगवान ने भारती के लिए कुछ और ही सोच रखा था. तमाम मुश्किलों के बावजूद उनकी मां ने उन्हें जन्म देने और ढेर सारा प्यार देने का फैसला किया. भारती सिंह अमृतसर के बीबीके डीएवी कॉलेज फॉर विमेन से ग्रैजुएट हैं. इतना ही नहीं वह तीरंदाजी और पिस्टल शूटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं. 

भारती सिंह ने महज दो साल की उम्र में पिता को खो दिया था. चार लोगों का परिवार टूट गया. भारती को अपने पिता का चेहरा भी याद नहीं है क्योंकि उनके घर पर उनकी कोई तस्वीर नहीं थी. 22 साल की उम्र में भारती की मा को जिम्मेदारी उठानी पड़ी और उन्होंने अकेले ही अपने तीन बच्चों की परवरिश की. पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में भारती ने बताया कि उनकी मां ने कभी दूसरी शादी के बारे में क्यों नहीं सोचा और कहा: “मेरी मां ने 15 साल की उम्र में ही शादी कर ली थी और जब वह 22 साल की हुईं तब उनके तीन बच्चे हो गए. मेरे पिता का बहुत पहले ही निधन हो गया और मेरी मां हमारे साथ अकेली रह गई. बहुत से लोगों ने मेरी मां को फिर से शादी करने का सुझाव दिया और उन्हें ऐसे पुरुषों से शादी के रिश्ते मिले जिनके पहले से ही 2 बच्चे थे. लेकिन उन्होंने शादी करने से इंकार कर दिया और कहा कि उसका परिवार बिखर जाएगा.”

पिता की मृत्यु के बाद भारती की मां ने हर तरह का काम किया. उन्होंने कारखानों में काम किया, टॉयलेट साफ किए, घर-घर काम किया और हर तरह की मुश्किलें देखीं. ब्रूट इंडिया के लिए नीना गुप्ता के साथ एक इंटरव्यू में भारती ने खुलासा किया कि उनकी मां उन घरों से बचा हुआ खाना उन्हें खिलाती थीं जहाँ वे काम करती थीं. उसी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मम्मी दूसरों के घर काम करती थी मैं बैठी रहती थी. टॉयलेट साफ करती थी. फिर वो सब्जी बची रहती थी तो बोलते थे ले जाना बच गई है. उनकी बासी सब्जी हमारी ताजी हो जाती थी. हमारा पूरा दिन बन जाता था.”

घर में मुश्किलें देखने वाली भारती के लिए प्रोफेशनल लाइफ में भी संघर्ष कम नहीं था. भारती ने कई ऑडिशन और एनसीसी कैंप में जाकर खुद के लिए मौके तलाशे. एक ऑडिशन के दौरान कॉमेडियन सुदेश लहरी ने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें एक नाटक में कास्ट किया. भारती सिंह की किस्मत तब बदल गई जब कपिल शर्मा ने उन्हें नोटिस किया और उन्हें द ग्रेट इंडिया लाफ्टर चैलेंज शो के लिए ऑडिशन देने के लिए कहा. इश शो पर वह सेकंड रनर-अप रहीं.

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