बॉलीवुड के सबसे इंटेंस और सीरियस एक्टर्स में से एक अजय देवगन अपनी आंखों की गहराई से ही किरदारों को जिंदा कर देते हैं. कैमरे पर वो जितने शांत और गंभीर दिखते हैं, असल जिंदगी में भी उतने ही डिसिप्लिन्ड और साइलेंट ऑब्जर्वर हैं. लेकिन हाल ही में बॉलीवुड के सिंघम ने अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़ा ऐसा सच बताया जिसने उनके फैंस को हैरान कर दिया. अजय ने खुलासा किया कि एक वक्त था जब वो हैवी ड्रिंकर हुआ करते थे, और शराब से उनकी ये दोस्ती शुरू हुई थी सिर्फ 14 साल की उम्र में.
14 की उम्र में उठाया था पहला ग्लास
अजय देवगन ने बताया कि उनकी ड्रिंकिंग की शुरुआत बहुत कम उम्र में हुई थी. वो सिर्फ 14 साल के थे, जब दोस्तों के कहने पर उन्होंने पहली बार शराब ट्राय की थी. उस वक्त उन्हें लगा था कि ये बस एक बार की बात है, लेकिन धीरे-धीरे ये आदत बन गई. अजय ने कहा, 'पहली बार तो बस ट्राय किया था, लेकिन फिर ये रूटीन बन गया. कई बार छोड़ने की कोशिश की, मगर आसान नहीं था'. यह वही दौर था जब उन्होंने समझा कि लत लगना आसान है, छोड़ना मुश्किल.
वो मोड़ जब अजय ने खुद से कहा- बस अब बहुत हुआ
अजय देवगन ने बेझिझक कबूल किया कि एक वक्त था जब वो बहुत ज्यादा पीते थे. उन्होंने कहा, 'मैं छिपाता नहीं हूं, मैं बहुत पीता था. लेकिन एक समय आया जब लगा कि अब रुकना जरूरी है'. इसके बाद अजय ने खुद को कंट्रोल करने के लिए वेलनेस स्पा जॉइन किया, जहां उन्होंने शराब पूरी तरह छोड़ दी. इस फैसले ने उनकी जिंदगी बदल दी. अब अजय शराब को नशे के तौर पर नहीं, बल्कि रिलैक्सेशन रिचुअल की तरह देखते हैं.
अब सिर्फ 30ml माल्ट, सुकून के लिए
आज के अजय देवगन बिल्कुल अलग इंसान हैं. वो कहते हैं, 'अब मेरे लिए शराब पीना एक आदत नहीं, बस रूटीन है. मैं सिर्फ 30ml माल्ट लेता हूं, कभी-कभी दो, बस उतना ही'. उनके मुताबिक, ये उन्हें दिनभर की थकान के बाद शांति देता है, न कि नशा. वो अब सिर्फ प्रीमियम लिमिटेड एडिशन माल्ट पीते हैं, जिनकी कीमत करीब 60,000 रु पर बोतल होती है. पहले वो वोडका पसंद करते थे, लेकिन अब उन्हें माल्ट की सादगी में सुकून मिलता है.
पीना है तो मुस्कुराना सीखो, वरना छोड़ दो
14 साल की उम्र से शुरू हुई अजय देवगन की ड्रिंकिंग जर्नी आज एक सेल्फ-कंट्रोल की मिसाल बन चुकी है. अजय देवगन का मानना है कि शराब इंसान के मूड का आईना होती है. अगर पीने के बाद इंसान खुश नहीं रह सकता, तो उसे पीना ही नहीं चाहिए. उनके मुताबिक, 'जो पीता है, उसे खुश रहना चाहिए, नहीं तो छोड़ देना बेहतर है'. अजय कहते हैं, कई लोग शराब पीकर या तो गुस्सैल हो जाते हैं या बहुत बोरिंग, और ऐसे लोगों को वो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाते.
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