एक परिवार और उससे जुड़ा एक कत्ल. एक ऐसा कत्ल जो सोचा समझा नहीं था. लेकिन परिवार को इस कत्ल को अंजाम देना पड़ा और उसके बाद जब परतें खुलने लगी तो यह एक हाई प्रोफाइल मर्डर केस में तब्दील हो गया. जिसमें पूरे परिवार को शक के घेरे में ले लिया गया. लेकिन इस परिवार ने भी कमाल की एकता दिखाई. पुलिस छोटी बच्ची से लेकर घर के बड़े तक किसी का मुंह नहीं खुलवा पाई. कहानी इस परिवार ने ऐसी बनाई कि सब एक ही बात बोलते रहे. पुलिस, मजिस्ट्रेट और जज कोई भी उनका मुंह नहीं खुलवा पाया. है ना सनसनीखेज किस्सा. ये कहानी गोवा के विजय सलगांवकर और उसकी फैमिली की है. लेकिन यह रियल लाइफ से नहीं बल्कि रील लाइफ से है.
जी हां, हम यहां बात कर रहे हैं अजय देवगन की सुपरहिट फिल्म दृश्यम की. आज भी जब दो अक्तूबर की तारीख आती है तो फिल्म का फेमस डायलॉग याद आ ही जाता है. इस फिल्म में अजय देवगन और श्रिया सरण पति पत्नी की भूमिका में हैं. जिनकी दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी का अश्लील वीडियो बनाकर एक लड़का उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश करता है. जिसका बेटी गलती से कत्ल कर देती है. उसके बाद पूरी घटना की जानकारी पिता अजय देवगन यानी कि विजय सालगांवकर को मिलती है. जो कत्ल का हर नामोनिशान मिटाने की पूरी कोशिश करता है. और, ऐसी कहानी गढ़ता है जो पुलिस को घुमा कर रख देती है. जिसका कत्ल होता है वो आईपीएस का बेटा होता है. ये किरदार अदा किया है तब्बू ने.
पहले पुलिस समेत दर्शक भी इस गुत्थी में उलझे रहते हैं कि दो और तीन अक्तूबर को क्या हुआ था. उसके बाद गुत्थी तब उलझती है जब घर के आंगन से लड़के की जगह किसी जानवर की लाश बरामद होती है. जबकि बीच के कुछ दृश्यों में यही जाहिर किया जाता है कि लाश घर के आंगन में ही दबी है. फिल्म के आखिर में ये राज खुलता है कि लड़के की लाश पुलिस थाने में ही दबी है. और, ठीक उसी जगह पर पुलिस वाले की टेबल भी लगी हुई है. इस झन्नाटेदार क्लाइमेक्स के साथ फिल्म यहीं खत्म हो जाती है.
दृश्यम और दृश्यम 2 रिलीज हो चुकी हैं यह इसी नाम की मलयालम फिल्म का रीमेक है, जिसमें साउथ के सुपरस्टार मोहनलाल नजर आए थे. इस फिल्म को भी खूब पसंद किया गया था. इस फिल्म में जिस तरह का सस्पेंस और कहानी गढ़ी गई है, वह वाकई बहुत ही कमाल की है.
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