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This Article is From Sep 16, 2022

अजय देवगन की फिल्म थैंक गॉड पर लगा हिंदू धर्म के अपमान का आरोप, जानें कौन हैं भगवान चित्रगुप्त

अजय देवगन-सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'थैंक गॉड' विवादों में घिर गई है और इस फिल्म का सोशल मीडिया पर बायकॉट किया जाने लगा है. यही नहीं यूपी में एक्टर्स और मेकर्स के खिलाफ केस दर्ज भी किया गया है.

अजय देवगन की फिल्म थैंक गॉड पर लगा हिंदू धर्म के अपमान का आरोप, जानें कौन हैं भगवान चित्रगुप्त
अजय देवगन-सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'थैंक गॉड' के मेकर्स पर यूपी में केस दर्ज
नई दिल्ली:

अजय देवगन-सिद्धार्थ मल्होत्रा (Ajay Devgn- Sidharth Malhotra) की फिल्म 'थैंक गॉड' (Thank God boycott ) विवादों में घिर गई है और इस फिल्म का सोशल मीडिया पर बायकॉट किया जाने लगा है. यही नहीं यूपी में एक्टर्स और मेकर्स के खिलाफ केस दर्ज भी किया गया है. वकील हिमांशु श्रीवास्तव ने जौनपुर कोर्ट में डायरेक्टर इंद्र कुमार, एक्टर अजय देवगन और सिद्धार्थ मल्होत्रा के खिलाफ केस दर्ज कराया है. याचिकाकर्ता का बयान 18 नवंबर को दर्ज किया जाएगा. हिमांशु ने याचिका में कहा है कि फिल्म के ट्रेलर में हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया गया है, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. 

फिल्म के ट्रेलर में दिख रहा है कि अजय देवगन सूट पहने हुए हैं, वह फिल्म में चित्रगुप्त के रोल में हैं. उनके पीछे स्कर्ट में लड़कियां खड़ी हैं. हिमांशु का कहना है कि एक और सीन में वह जोक्स सुना रहे हैं और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं. याचिका में कहा गया है, "चित्रगुप्त को कर्म का देवता माना जाता है और वह एक आदमी के अच्छे और बुरे कर्मों का रिकॉर्ड रखते हैं. देवताओं का ऐसा चित्रण एक अप्रिय स्थिति पैदा कर सकता है क्योंकि यह धार्मिक भावनाओं को आहत करता है."

कौन हैं भगवान चित्रगुप्त

वेदों और पुराणों के अनुसार श्री धर्मराज / यमराज के दरबार में चित्रगुप्त मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले लेखापाल या एकाउंटेंट बताए गए हैं. आधुनिक विज्ञान ने यह सिद्ध किया है कि हमारे मन में जो भी विचार आते हैं, वे सभी चित्रों के रुप में होते हैं. भगवान चित्रगुप्त इन सभी विचारों के चित्रों को गुप्त रूप से संचित करके रखते हैं, अंत समय में ये सभी चित्र दृष्टिपटल पर रखे जाते हैं. इन्हीं के आधार पर जीवों के पारलोक व पुनर्जन्म का निर्णय चित्रगुप्त के बताए आंकड़ों के अनुसार श्री यमराज करते हैं. 

मनुष्यों की मृत्यु के पश्चात, पृथ्वी पर उनके द्वारा किए गए कर्मो के आधार पर उनके लिए स्वर्ग या नरक का निर्णय लेने का अधिकार यमराज के पास है.  किस को स्वर्ग मिलेगा और कौन नर्क में जाएगा? इस बात का निर्धारण भगवान धर्मराज/ यमराज चित्रगुप्त द्वारा दिये गये आंकड़ों के आधार पर ही करते हैं. मान्यताओं के अनुसार कायस्थों को चित्रगुप्त का इष्टदेव हैं.

विभिन्न पौराणिक कथाओं के अनुसार परमपिता ब्रह्मा के पहले 13 पुत्र ऋषि हुए और 14 वे पुत्र श्री चित्रगुप्त जी देव हुए. भगवान चित्रगुप्त जी के विषय में स्वामी विवेकानंद जी कहते है कि मैं उस भगवान चित्रगुप्त की संतान हूं जिनको पूजे बिना ब्राह्मणों की मुक्ति नहीं हो सकती. ब्राह्मण ऋषि पुत्र है और कायस्थ देव पुत्र.
 

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