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6 करोड़ की फिल्म, 32 करोड़ की कमाई, 29 साल बाद फिर सिनेमाघरों में गूंजेगा- घर में घुस कर मारूंगा, सातों को साथ मारूंगा...

कई फिल्में समय से परे होती हैं. उनका एक्शन, उनके डायलॉग आज भी गूंजते हैं. ऐसी ही एक फिल्म 28 फरवरी को सिनेमाघरों में दोबारा रिलीज होने जा रही है. जानते हैं इस फिल्म का नाम.

6 करोड़ की फिल्म, 32 करोड़ की कमाई, 29 साल बाद फिर सिनेमाघरों में गूंजेगा- घर में घुस कर मारूंगा, सातों को साथ मारूंगा...
Ghatak Re-Release: 29 साल बाद रिलीज हो रही ये धमाकेदार एक्शन फिल्म
नई दिल्ली:

1996 में आई फिल्म घातक तो आपको याद होगी, जिसमें सनी देओल ने बनारस में रहने वाले काशीनाथ नाम के पहलवान का किरदार निभाया था. उनके पिता शंभू नाथ थे, जिसका किरदार अमरीश पुरी ने निभाया था. इस फिल्म में डैनी ने घातक विलेन कात्या का किरदार निभाया था. जिसके कहर से काशी, उसका परिवार और आसपास के सभी लोग परेशान थे. यह फिल्म बाप बेटे के अद्भुत बंधन को दिखाती है, ऐसे में अगर आप दोबारा घातक फिल्म को देखना चाहते हैं तो आपका इंतजार खत्म होने वाला है, क्योंकि इसी महीने यह फिल्म बड़े पर्दे पर दोबारा री रिलीज की जाएगी.

सनी देओल, मीनाक्षी शेषाद्री, अमरीश पुरी, डैनी डेन्जोंगपा स्टारर फिल्म घातक 28 फरवरी 2025, शुक्रवार के दिन बड़े पर्दे पर दोबारा रिलीज की जाएगी. फैंस को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है. घातक की ट्रीट के लिए दर्शक भी बहुत उत्साहित है, वैसे भी आजकल बड़े पर्दे पर फिल्में की री-रिलीज का क्रेज बढ़ता जा रहा है.

घातक फिल्म में सनी देओल ने काशीनाथ का किरदार निभाया था, उनके पिता शंभू नाथ यानी कि अमरीश पुरी को गले के कैंसर का पता चलता है, जिस जगह काशीनाथ का परिवार रहता है वहां पर कात्या गिरोह सक्रिय रहता है और उसके आतंक से सभी परेशान रहते हैं. जब काशी कात्या के गिरोह में शामिल होने से इनकार कर देता है, तो कात्या शंभू को कुत्ते की तरह भौंकने पर मजबूर करते हैं और पूरी कॉलोनी के सामने अपमानित करते हैं. इस बीच शंभू की मौत हो जाती है, फिर काशी अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए कात्या को पूरी कॉलोनी के सामने कुत्ते की तरह चलने पर मजबूर करता हैं. इस फिल्म की कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूमती है. इस फिल्म में अमरीश पुरी और सनी देओल के बाप बेटे का बॉन्ड और गाने भी दर्शकों को भी खूब पसंद आए थे. 

अब एक बार फिर सिनेमाघरों में घातक के ये मशहूर डायलॉग फिर से गूजेंगे: घर में घुस कर मारूंगा, सातों को साथ मारूंगा, एक साथ मारूंगा. पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है. डराकर लोगों को वो जीता है, जिसकी हड्डियो में पानी भरा होता है. ये मजदूर का हाथ है, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है.

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