Video: भोजपुरी सितारों ने दी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि, पढ़ी उनकी कविताएं...

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में गुरुवार की शाम 5 बजकर 5 मिनट पर आखिरी सांस ली.

Video: भोजपुरी सितारों ने दी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि, पढ़ी उनकी कविताएं...

Bhojpuri Cinema: रवि किशन ने पढ़ी अटल बिहारी वाजपेयी की कविता

खास बातें

  • भोजुपरी सिनेमा के सुपरस्टार हैं रवि किशन
  • रवि किशन ने पढ़ी अटल बिहारी वाजपेयी की कविता
  • कविता पढ़ते हुए इमोशनल
नई दिल्ली:

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में गुरुवार की शाम 5 बजकर 5 मिनट पर आखिरी सांस ली. अटल बिहारी वाजपेयी की तबियत पिछले कुछ दिन से ठीक नहीं चल रही थी और उन्हें जून में ही एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अटल बिहारी वाजपेयी की तबियत बिगड़ने पर 15 अगस्त की शाम से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेता एम्स अस्पताल में मिलने पहुंच रहे थे. गुरुवार की सुबह से ही अटल बिहारी वाजपेयी को देखने के लिए अस्पताल में लोगों का तांता लगा हुआ था. उनकी मौत की खबर आने के बाद कई भोजपुरी स्टार्स ने भी उन्हें सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर श्रद्धांजलि दी. रवि किशन से लेकर अवधेश मिश्रा तक, हर किसी ने उनकी कविता पढ़कर उन्हें नमन किया.

अटल बिहारी वाजपेयी  बीच फिल्मी सितारे अपने-अपने तरीके से अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी यादें साझा कर रहे हैं. भोजपुरी सिनेमा (Bhojpuri Cinema) के दिग्गज स्टार और बीजेपी नेता रवि किशन (Ravi Kishan) ने उनके लिए कविता पढ़ी है. रवि किशन इस कविता को पढ़ते हुए इमोशनल हो गए और उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति इस तरह अपना प्यार जताया.



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रवि किशन भोजपुरी फिल्मों के सीनियर एक्टर हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं उनकी पसंदीदा भी रही हैं. रवि किशन ने बहुत ही शानदार से इस कविता को पढ़ा, और अपने भाव इस कविता के जरिये पेश किए हैंः 

अटल बिहारी वाजपेयी वाणी ही नहीं कलम के भी हैं जादूगर, जब जोश में बोले- मस्तक नहीं झुकेगा...

भारत जमीन का टुकड़ा नहीं,
जीता जागता राष्ट्रपुरुष है.
हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है,
पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं.
पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं.
कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है.
यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है,
यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है.
इसका कंकर-कंकर शंकर है,
इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है.
हम जियेंगे तो इसके लिये
मरेंगे तो इसके लिये.

देखें अवधेश मिश्रा का वीडियो-

 
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