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गुरू का कुंडली के पहले भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए कुछ खास बातें

पहला भाव आपकी शारीरिक स्थिति, स्वास्थ्य और अन्य पहलुओं के साथ ही बचपन का भी प्रतिनिधित्व करता है. ऐसा व्यक्ति आध्यात्मिक और धार्मिक परंपराओं को मानने वाला होता है.

Edited by Updated : September 03, 2024 6:26 AM IST
गुरू का कुंडली के पहले भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए कुछ खास बातें
बृहस्पति को देवताओं का गुरू माना जाता है.
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Astrology: गुरू यानी बृहस्पति का कुंडली में पूरा प्रभाव देखने को मिलता है. बृहस्पति को देवताओं का गुरू माना जाता है. गुरू कुंडली में आमतौर पर शुभ माने जाते हैं, लेकिन विपरीत ग्रहों के प्रभाव में आकर उनका परिणाम भी विपरीत हो सकता है. जहां तक कुंडली के पहले भाव में गुरू के प्रभाव (Jupiter Effects) की बात है तो इस भाव में गुरू अच्छे परिणाम प्रदान करते हैं. पहला भाव आपकी शारीरिक स्थिति, स्वास्थ्य  और अन्य पहलुओं के साथ ही बचपन का भी प्रतिनिधित्व करता है. ऐसा व्यक्ति आध्यात्मिक और धार्मिक परंपराओं को मानने वाला होता है.

गुरू के सकारात्मक प्रभाव

कुंडली के पहले भाव में गुरू को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. गुरू के सकारात्मक प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति आकर्षक, बलवान और दीर्घायु होता है. ऐसे लोग उदार और स्वाभिमानी होंगे. उनमें भगवान के प्रति भी आस्था देखने को मिलती है. आम तौर पर ये स्पष्टवादी और न्याय को मानने वाले होते हैं. इन्हें समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और आर्थिक रूप से भी ये संपन्न होते हैं. पहले भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति आध्यात्म की ओर आकर्षित हो सकता है. व्यक्ति धनवान, बुद्धिमान, उदार और परोपकारी होता है.

गुरू के नकारात्मक प्रभाव

कुंडली के पहले भाव में गुरू के नकारात्मक प्रबाव की बात करें, तो व्यक्ति को कई बार मुश्किलों का भी सामना करना पड़ सकता है. शत्रु पक्ष से भी परेशानी हो सकती है. अगर व्यक्ति पुलिस या सरकारी विभाग में है तो पहले भाव में गुरू हानिकारक साबित हो सकते हैं. ऐसे में आपको अपनी गलत आदतों का त्याग करने की जरूरत है. कुंडली में गुरु अगर खराब स्थिति में हों तो धन की हानि, जरूरी काम में रुकावट, विवाह में बाधा आदि हो सकती है.

वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

कुंडली के प्रथम भाव में गुरू का रिश्तों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिलता है. रिश्तों के मामले में गुरू बेहतर परिणाम देते हैं. वैवाहिक जीवन पर भी गुरू का पूरा प्रभाव देखने को मिलता है. पहले भाव में गुरू के प्रभाव से रिश्तों में प्रेम और ईमानदारी देखने को मिलती है. वैवाहिक जीवन भी अच्छा रहता है. व्यक्ति को जीवनसाथी का भी साथ मिलता है. हालांकि, कई बार व्यक्ति में रिश्तों के प्रति लापरवाही देखने को मिलती है, जिससे रिश्तों में दूरियां भी आ सकती हैं.

गुरू का करियर पर प्रभाव

पहले भाव में गुरू करियर के मामले में भी बेहतर परिणाम प्रदान करते हैं. गुरू के प्रभाव से व्यक्ति को कोई बड़ा पद मिल सकता है. बृहस्पति बुद्धि और ज्ञान के भी कारक होते हैं, ऐसे में व्यक्ति में बौद्धिकता भी होती है. राजनीति में भी उनकी रुचि होती है. व्यक्ति मार्केटिंग के क्षेत्र में में आगे बढ़ता है. गुरू के प्रभाव से व्यक्ति बैंकिंग, इंश्योरेंस, कानून के क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ ही शिक्षा और प्रबंधन के क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)