Astrology: सूर्य को ज्योतिष में ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य हर भाव में अलग-अलग प्रभाव देते हैं. लेकिन, कई बार सूर्य का प्रभाव इस पर भी निर्भर करता है कि सूर्य किन ग्रहों के साथ युति में है. इससे भी व्यक्ति के व्यवहार, करियर में काफी फर्क देखने को मिलता है. यहां हम कुंडली के पांचवे भाव में सूर्य के प्रभाव के बारे में जानेंगे, लेकिन इससे पहले जानते हैं ज्योतिष में सूर्य का क्या महत्व है.
ज्योतिष में सूर्य का महत्व
ज्योतिष में सूर्य को सबसे महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माना गया है. ज्योतिष के अनुसार, सूर्य पिता, आत्मा, राजनीति, आंखें और प्रशासनिक पद आदि का कारक माना गया है. यदि कुंडली में सूर्य अच्छा होता है, तो व्यक्ति को जीवन में कई तरह के सरकारी लाभ भी प्राप्त होते हैं. कई विद्वानों के अनुसार राजनीति में सफलता के लिए कुंडली में सूर्य अच्छा होना काफी लाभ देता है. सूर्य से यश प्राप्त होता है. जानते हैं कुंडली में सू्र्य पांचवें घर में किस तरह का प्रभाव देते हैं.
स्वयं को महत्व देते हैं ये लोग
कुंडली का पांचवां भाव जीवन की खुशियों के बारे में बताता है. इस भाव में सूर्य आपके प्रेम संबंध, ज्ञान, दूसरों के साथ व्यवहार के साथ ही पारिवारिक जीवन और रिश्तों को बारे में बताता है. ऐसे लोगों की खेल में भी रुचि देखने को मिलती है. इस भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति को समाज में लोकप्रियता मिलती है. ये लोग खुद को भी काफी महत्व देते हैं.
सूर्य के शुभ प्रभाव
ऐसे लोग परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ घूमना-फिरना ज्यादा पसंद करते हैं. इन्हें नए-नए लोगों से मिलना भी पसंद होता है.
सूर्य के अशुभ प्रभाव
इस भाव में सूर्य के अशुभ प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. सूर्य के प्रभावित मैरिड कपल्स को संतान के जन्म में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे लोग किसी बुरी आदत के भी शिकार हो सकते हैं. पांचवें भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति अभिमानी हो सकता है. साथ प्रेम जीवन में भी अहंकार उत्पन्न हो जाता है जिससे रिश्ते टूटने की आशंका बनी रहती है.
छोटी-छोटी बातों पर आता है क्रोध
सूर्य के इस भाव में स्वास्थ्य पर प्रभाव की बात करें तो इन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. इन्हें छोटी-छोटी बातों पर क्रोध भी हो सकता है. गुस्से के कारण कई बार ये लोग अपने कई काम बिगाड़ लेते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)