• होम
  • ज्योतिष
  • मंगल के कन्या राशि में प्रवेश करते ही खत्म हुआ कुज केतु योग का प्रभाव, जानिए कितना खतरनाक है यह योग

मंगल के कन्या राशि में प्रवेश करते ही खत्म हुआ कुज केतु योग का प्रभाव, जानिए कितना खतरनाक है यह योग

Kuja Ketu Yoga: पृथ्वी पर जन्म लेते ही व्यक्ति का जुड़ाव नवग्रहों से हो जाता है और आजीवन वह इनसे प्रभावित रहता है. मंगल के कन्या राशि में गोचर से जिस कुज योग का प्रभाव अब समाप्त हुआ है, जानें आखिर वह कितना सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम देता है.

Posted by Updated : July 30, 2025 3:25 PM IST
मंगल के कन्या राशि में प्रवेश करते ही खत्म हुआ कुज केतु योग का प्रभाव, जानिए कितना खतरनाक है यह योग
FacebookTwitterWhatsAppInstagramLinkedinKoos

Mars Transit 2025: नक्षत्रमंडल में गतिमान रहने के दौरान ग्रह, एक निर्धारित अवधि में एक राशि को छोड़ दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. इस गोचर के दौरान वे उस राशि में पहले से मौजूद ग्रह के साथ युति करते हैं. अगर शुभ ग्रहों के साथ युति हो तो, उसके सकारात्मक प्रभाव होते हैं, लेकिन अगर अशुभ ग्रह के साथ युति हो, तो उसके नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं. विगत 7 जून से मंगल सिंह राशि में गोचर कर रहे थे. वहां पहले से ही केतु विराजमान थे. ऐसे में मंगल और केतु की युति से कुजकेतु यानी अंगारक योग का निर्माण हो गया. 

हालांकि 28 जुलाई से मंगल सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश कर गए हैं. मंगल के इस राशि परिवर्तन के साथ ही मंगल और केतु की युति और कुजकेतु योग खत्म हो गया. कुजकेतु योग को अंगारक योग के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिष में इसे एक अशुभ योग माना जाता है. मंगल और केतु दोनों ही काफी उग्र ग्रह माने जाते हैं, ऐसे में इस योग के प्रभाव से जातक को अपने जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. 

कैसे बनता है कुजकेतु योग

ज्योतिष में कुजकेतु या अंगारक योग को शुभ योग नहीं माना जाता है. जब मंगल और केतु ग्रह एक ही राशि में स्थित होते हैं, जब यह योग बनता है. विगत 7 जून को मंगल के सिंह राशि में प्रवेश के साथ ही कुजकेतु योग बन गया था. अब 28 जुलाई को मंगल सिंह राशि से निकलकर कर कन्या में प्रवेश कर गए हैं. इससे कुज केतु योग खत्म हो गया है. 

कुजकेतु योग के सकारात्मक प्रभाव

वैसे तो कुजकेतु योग को अशुभ माना जाता है, लेकिन कुछ राशि वाले लोगों के लिए यह सकारात्मक भी हो सकता है. इन राशि वाले लोगों पर इसके सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं. जातकों के आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है. उनकी नेतृत्व क्षमता भी बेहतर होगी. कुछ राशि वाले लोगों को धन लाभ भी होगा. करियर में भी उन्नति हो सकती है. स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह योग कुछ राशियों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है. 

कुजकेतु योग के नकारात्मक प्रभाव

कुजकेतु या अंगारक योग को एक अशुभ योग माना जाता है ऐसे में अगर आपकी कुंडली में यह दोष है, तो कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके प्रभाव से रिश्तों में समस्या हो सकती है. साथी से अलगाव भी हो सकता है. इस कारण आपको आपको मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है. अंगारक दोष का प्रभाव आपकी सेहत पर भी देखने को मिल सकता है. आपको त्वचा के साथ ही रक्त संबंधी समस्या भी हो सकती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)