केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पारिवारिक गढ़ गुना से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा सदस्य हैं. वह 2020 में कांग्रेस छोड़ 22 विधायकों के साथ BJP में शामिल हो गए थे, जिसके कारण मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह सरकार की वापसी हुई थी.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना लोकसभा क्षेत्र का इतिहास बदल गया था, और ज्योतिरादित्य सिंधिया को 1,25,595 मतों से पराजय का मुंह देखना पड़ा था. BJP प्रत्याशी डॉ कृष्णपाल सिंह यादव को इस चुनाव में 6,14,049 वोट मिले थे.
1 जनवरी, 1971 को मुंबई में पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया और माधवी राजे सिंधिया के घर जन्मे ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के शाही परिवार से आते हैं. उनके दादा जीवाजीराव सिंधिया ग्वालियर रियासत के अंतिम महाराजा थे. वह देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल गए और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्टैनफोर्ड से एमबीए किया है.
राजनीति में आने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया इन्वेस्टमेंट बैंकर थे. राजनीति में शामिल होने से पहले उन्होंने मॉर्गन स्टेनली और मेरिल लिंच के लिए काम किया था. 2001 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपने पिता माधवराव सिंधिया की मृत्यु के बाद राजनीति में उनका प्रवेश अचानक हुआ. अगले वर्ष, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना की पारिवारिक सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार सांसद बने. 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP के कृष्ण पाल सिंह से अपनी सीट हारने से पहले वह कांग्रेस के सांसद बने रहे.
सक्रिय राजनीति में पिछले 22 वर्ष में सिंधिया ने महत्वपूर्ण मंत्री पद संभाले हैं. 2008 में उन्होंने दूरसंचार और आईटी राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. 2009 में वह वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री बने, और 2012 में उन्होंने बिजली मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पोर्टफोलियो संभाला. दूरसंचार, डाक और आईटी राज्यमंत्री के रूप में उन्होंने आधुनिकीकरण और आईटी-सक्षम प्रक्रियाओं के माध्यम से भारतीय डाकघरों में परिवर्तन लाते हुए प्रोजेक्ट एरो (Project Arrow) की शुरुआत की. वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय निर्यात में लेनदेन लागत को सफलतापूर्वक कम किया और अंतिम ग्राहक के लिए उत्पादन के विभिन्न चरणों में योगदान दिया.
2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया. उन्होंने कमलनाथ की सरकार का साथ छोड़ते हुए लोगों को चौंका दिया. BJP में शामिल होने के बाद उन्हें 2021 में राज्यसभा भेजा गया और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया. इस पोर्टपोलियो पर उनके पिता भी काम कर चुके हैं.
राजनीति के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्रिकेट से भी काफी लगाव है. उन्होने BCCI और मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम भी किया है. वह सिंधिया स्कूल, माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज़ और सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 01-Jan-1971 को मुंबई में हुआ.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के माता-पिता का नाम श्रीमती माधवीराजे और श्री माधवराव सिंधिया है.
बी.ए. (अर्थशास्त्र), हार्वर्ड कॉलेज; एम.बी.ए., स्टैनफ़ोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ बिज़नेस
भारतीय जनता पार्टी
विवाहित
प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया
2 (एक पुत्र, एक पुत्री)
जयविलास पैलेस, ग्वालियर