बादलों में बसा है ये गांव, नहीं किसी स्वर्ग से कम, आनंद महिंद्रा ने शेयर की झलक, जानें यहां कैसे पहुंचे

आनंद महिंद्रा ने अपने एक्स हैंडल पर इस गांव की एक तस्वीर शेयर की है और इसके बारे में बताया है. यह गांव कौन सा है और यहां कैसे जाया जा सकता है, चलिए हम आपको बताते हैं.

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बादलों में बसा है ये गांव, नहीं किसी स्वर्ग से कम

भारत में देखने और घूमने लायक कई जगह हैं. खासकर भारत का उत्तर-पूर्वी हिस्सा किसी स्वर्ग से कम नहीं है. अब मेघालय में बादलों में बने इस गांव का नजारा सामने आया है, जिसे देखे के बाद आपका मन भी इस गांव में जाने का करेगा. इस गांव का दर्शन सोशल मीडिया पर महिन्द्रा एंड महिन्द्रा कंपनी के मालिक आनंद महिंद्रा ने कराए है. आनंद महिंद्रा ने अपने एक्स हैंडल पर इस गांव की एक तस्वीर शेयर की है और इसके बारे में बताया है. यह गांव कौन सा है और यहां कैसे जाया जा सकता है, चलिए हम आपको बताते हैं.

खजाने से कम नहीं है नोंगज्रोंग

इस गांव का नाम नोंगज्रोंग है, जो कि मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स की मावकिन्रेव तहसील में 1,094 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. लगभग 1,440 निवासियों वाला यह खासी गांव एक मजबूत सामुदायिक भावना को बरकरार रखता है. यहां बोली जाने वाली मुख्य भाषाएं खासी और अंग्रेजी हैं. शिलांग से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित, नोंगज्रोंग आज भी मेघालय के लिए एक खजाने से कम नहीं है. इसकी खासियत इसकी घाटी है, जो भोर में बादलों के तैरते समुद्र में बदल जाती है, जिससे सूर्योदय का एक शानदार नजारा बनता है, जो लगभग अद्भुत सा लगता है.



नोंगज्रोंग में देखने और करने लायक चीजें

1. नोंगज्रोंग व्यू पॉइंट

इसका मुख्य आकर्षण पहाड़ी की चोटी पर स्थित व्यू पॉइंट है. थोड़ी सी पैदल यात्रा आपको एक ऐसे मनोरम स्थान पर ले जाती है, जहां सूरज की पहली किरणें पहाड़ियों को रोशन करती हैं और नीचे घाटी बादलों से ढकी होती है. हरियाली के बीच से बहती उमंगोट नदी इस नजारे को और भी सुंदर देती है, जिससे यह फोटोग्राफर का पसंदीदा स्थान बन जाता है. खूबसूरत नजारों को देखने के लिए सुबह होने से पहले पहुंचें.

शिलांग से मनोरम ड्राइव: लगभग 2 घंटे

एंट्री फीस: 30 रु प्रति व्यक्ति
पार्किंग:  50 रु (दोपहिया वाहनों के लिए 30 रु)

2. नोंगज्रोंग फॉल
गांव से लगभग 3 किमी दूर, घने जंगल में स्थित नोंगज्रोंग फॉल एक आकर्षक झरना है. एक छोटा सा रास्ता इस शांत जगह तक ले जाता है, जो मानसून के दौरान अपने सबसे शानदार झरने के दौरान और भी महमोहक हो जाता है.

उमंगोट नदी पर कयाकिंग
लगभग 10 किलोमीटर दूर, डॉकी के पास, उमंगोट नदी कयाकिंग और राफ्टिंग के लिए सही है. भारत की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक मानी जाने वाली इस नदी में थ्रिल पैदा करने वाली तेज और शांत धाराएं हैं, जो इसे एडवेंचर लवर्स के साथ-साथ धीमी गति से नाव चलाने वालों के लिए भी बेस्ट है.

नोंगज्रोंग में कहां ठहरें?
आवास सादा लेकिन आरामदायक है. ज्यादातर टूरिस्ट लोकल होमस्टे पसंद करते हैं, जहां मेजबान घर का बना खासी खाना परोसते हैं. यहां ठहरना गांव वालों से जुड़ने और उनके लाइफस्टाइल की झलक पाने का भी एक मौका है.

नोंगज्रोंग कैसे पहुंचे?

हवाई रास्ता: निकटतम हवाई अड्डा गुवाहाटी स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. नोंगज्रोंग लगभग 100 किमी दूर है और टैक्सी या बस से पहुंचा जा सकता है.

रेल मार्ग : निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन गुवाहाटी रेलवे स्टेशन है. वहां से टैक्सी और बस सर्विस जारी हैं.

बस मार्ग: सरकारी और निजी बसें गुवाहाटी को शिलांग से जोड़ती हैं, जहां से नोंगज्रोंग कार से लगभग 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है. पूरी यात्रा में लगभग 4 घंटे का समय लगता हैं.

कार मार्ग: कार किराए पर लेना सबसे सुविधाजनक ऑप्शन है. शिलांग से नोंगज्रोंग दो घंटे की ड्राइव पर है. गुवाहाटी से 144 किमी की यात्रा में लगभग 5 घंटे लगते हैं.

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