यूक्रेन युद्ध : पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने रूस में बढ़ाईं आम आदमी की मुश्किलें, जानें दैनिक जीवन में क्‍या पड़ा असर..

प्रतिबंध के तहत कई इंटरनेशनल कंपनियों ने रूस में अपने ऑपरेशंस सस्‍पेंड कर दिए है इससे दैनिक जीवन व्‍यापक रूप से प्रभावित हुआ है.

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यूक्रेन युद्ध : पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने रूस में बढ़ाईं आम आदमी की मुश्किलें, जानें दैनिक जीवन में क्‍या पड़ा असर..
पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का रूस पर व्‍यापक असर पड़ा है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

Russia Ukraine war: यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का ऐलान करने के बाद रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं. दूसरी ओर रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने अपने इस 'कदम' का बचाव करते हुए इसे यू्क्रेन के विसैन्‍यीकरण (demilitarise) के लिए विशेष अभियान बताया है लेकिन पश्चिमी देश इससे सहमत नहीं हैं. प्रतिबंध के तहत रूस पर वित्‍तीय दंड थोपा गया है और कई इंटरनेशनल कंपनियों ने वहां अपने ऑपरेशंस सस्‍पेंड कर दिए है इससे दैनिक जीवन व्‍यापक रूप से प्रभावित हुआ है. इसके चलते जीवनयापन की लागत बड़ी है और रोजगार जाने का खतरा मंडरा रहा है. प्रतिबंधों के कारण कई वित्‍तीय संस्‍थान अलग-थलग पड़ गए हैं.    

आइए जानते हैं कि यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद रूस के दैनिक जीवन पर क्‍या असर पड़ा है...

खाद्य तेल, चीन और अन्‍य जरूरी चीजें की कीमतें बढ़ीं:   प्रतिबंधों का ऐलान किए जाने के बाद उपभोक्‍ता कीमतों में 2.2 फीसदी का इजाफा हुआ है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जमाखोरी की शिकायत के बाद राजधानी मॉस्‍को और अन्‍य शहरों में दुकानें, दवाओं और अन्‍य जरूरी सामान की बिक्री पर रोक लगा रही हैं.
युद्ध शुरू होने के बाद रूबल (रूसी करंसी) में गिरावट आ रही है यूरोपीय यूनियन के जॉन ने बताया कि उन्‍होंने 20 फरवरी को किराने का जो सामान 5,500 रूबल में ऑर्डर किया था, उसकी लागत अब 8,000 रूबल है. चीनी की कीमतों में भी 20 फीसदी तक की तेजी आई है.  

स्‍मार्टफोन और लैपटॉप की कीमतें  : प्रतिबंधों का असर आपूर्ति पर पड़ा है. बीबीसी के अनुसार, स्‍मार्टफोंस और टीवी की कीमतें 10 फीसदी से अधिक बढ़ गई हैं. नाइके, एपल और आइकिया जैसे अन्‍य प्रमुख ब्रांड अब रूस में अपने उत्‍पाद नहीं बेच रहे हैं. 

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बैंकिग सिस्‍टम पर असर: रूस के वित्‍तीय संस्‍थानों को SWIFT international payment system से हटा दिया गया है, इसके कारण रूस को और रूस से फाइनेंसियल ट्रांजेक्‍शन (वित्‍तीय लेनदेन) मुश्किल हो गया है. एपल, गूगल पे, मास्‍टरकार्ड, वीजा और अन्‍य ने भी रूस में अपनी सेवाएं सीमित कर दी हैं. 

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कपड़ों और खाने पर अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही : रूस के बैंक Promsvyaz ने कहा है कि प्रतिबंधों के बाद रूस में इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और फॉर्मास्‍युटिकल आइटम्‍स खरीदने को लेकर आपाधापी है. मार्च के पहले सप्‍ताह में कपड़े और खाने का सामना खरीदने के लिए फरवरी की तुलना में अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है. इलेक्‍ट्रॉनिक गुड्स पर खर्च 40  फीसदी तक बढ़ा है.  

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रूस में वार्षिक महंगाई दर, 4 मार्च को 10.42% पर पहुंच गई. वित्‍त मंत्रालय के अनुसार, 25 फरवरी को यह 9.05 फीसदी थी. 

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