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This Article is From Aug 31, 2022

जानें क्या होते हैं OTT, कैसे होती है कमाई, कहां से आता है पैसा, कौन से हैं टॉप ओटीटी प्लेटफॉर्म

ओटीटी की फुल फॉर्म 'ओवर द टॉप' होती है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो कुछ और प्लेटफॉर्म्स की मदद से मोबाइल पर ही वेब सीरीज, फिल्में, और सीरियल उपलब्ध करा देता है.

जानें क्या होते हैं OTT, कैसे होती है कमाई, कहां से आता है पैसा, कौन से हैं टॉप ओटीटी प्लेटफॉर्म
जानें OTT की दुनिया के सारे डिटेल्स
नई दिल्ली:

कोरोना महामारी के दौर में डिजिटल वर्ल्ड में एक गजब की क्रांति हुई. शहर से गांव तक ओटीटी प्लेटफॉर्म का चलन बढ़ गया. मोबाइल पर ही लोगों को मनपसंद वेब सीरीज, फिल्में और शो मिलने लगे. अब उन्हें कहीं जानें की जरुरत नहीं थी, पेनड्राइव में मूवी लाने की आवश्यकता नहीं थी. थिएटर में तीन घंटे बिताने की भी चाह नहीं रह गई. दो साल से भी कम वक्त में हर किसी के जीवन का 'ओटीटी' प्लेटफॉर्म्स' अभिन्न अंग बन गया और एंटरटेनमेंट तक लोगों की पहुंच आसान बना दी. आखिर ओटीटी में ऐसा क्या है, जिससे लोगों को मनोरंजन की सारी चीजें मोबाइल पर ही मिलने लगी. आइए जानते हैं ओटीटी की पूरी एबीसीडी.

ओटीटी क्या है? 

ओटीटी की फुल फॉर्म 'ओवर द टॉप' (Over-the-Top) होती है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो कुछ और प्लेटफॉर्म्स की मदद से मोबाइल पर ही वेब सीरीज, फिल्में, और सीरियल उपलब्ध करा देता है. हर तरह का कंटेंट आपको ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मिल जाता है. कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ऐसे भी हैं, जहां कंटेंट देखने को लिए आपसे चार्ज भी किया जाता है, वहीं कुछ बिल्कुल फ्री होते हैं.ओटीटी प्लेटफॉर्म इंटरनेट की मदद से चलते है.

ओटीटी का भारत तक का सफर

अमेरिका से ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत हुई थी. धीरे-धीरे यह भारत तक पहुंची और लोगों की लाइफ का पार्ट बन गई. भारत में सबसे पहली बार साल 2008 में ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत हुई थी. रिलायंस एंटरटेनमेंट ने देश का पहला ओटीटी प्लेटफॉर्म Bigflix लॉन्च किया था. दो साल बाद 2010 में Digivive ने NEXG TV नाम से ओटीटी मोबाइल ऐप लॉन्च किए गए. इनमें वीडियो ऑन डिमांड के साथ टीवी देखने की भी सुविधा मिली. वर्तमान में भारत में कई तरह के ओटीटी प्लेटफॉर्म्स हैं.

ओटीटी की कमाई कैसे होती है

ओटीटी प्लेटफॉर्म तीन तरह से काम करता है.

  • TVOD (Transactional Video On Demand)- इसमें यूजर प्लेटफॉर्म से कुछ डाउनलोड करने का पैसा देता है.
  • SVOD (Subscription Video On Demand)- इसमें यूजर महीनेभर या कुछ दिन का पैसे देकर सबस्क्रिप्शन लेता है और अपना फेवरेट कंटेंट देखता है.
  • AVOD (Advertising Video On Demand)- यह बिल्कुल फ्री होता है. इसमे कोई पैसे नहीं देने होते. हालांकि कंटेंट के बीच-बीच में कई बार प्रचार यानी एड आते हैं. इन्हें स्किप नहीं किया जा सकता. इन एड्स के लिए भी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को पैसे मिलते हैं. इससे अच्छी-खासी क माई होती है.

वेब सीरीज, फिल्मों और शो की कमाई

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म रिलीज या स्ट्रीमिंग के लिए ओटीटी को फिल्मों के राइट्स खरीदता है. इसके लिए डायरेक्टर को पैसे मिलते हैं. यह डील एक ही फिल्म के अलग-अलग लैंग्वेज के  वर्जन के लिए अलग-अलग होती है. कुछ फिल्मों ओटीटी प्लेटफॉर्म ही बनवाते हैं. इसकी भी डील की जाती है. 

पॉपुलर ओटीटी प्लेटफॉर्म

पॉपुलर ओटीटी प्लेटफॉर्म की बात करें तो इनमें नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, डिज्नी प्लस हॉटस्टार, जी5, सोनी लिव, एमएक्स प्लेयर, आल्ट बालाजी, वूट, होईचोई और इरोज नाउ के नाम प्रमुखता से आते हैं.

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