'एक देश, एक चुनाव' लागू हो जाने की स्थिति में संसदीय चुनाव, यानी लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों की विधानसभाओं (विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेशों में भी) में चुनाव एक साथ एक ही वक्त पर करवाए जाएंगे. इसके लिए कुछ विधानसभाओं को समय से पहले भंग करना पड़ सकता है, और कुछ का कार्यकाल बढ़ाना पड़ सकता है, जिसके लिए संविधान संशोधन करने होंगे.