हमारा देश कानून से चलता है, उसे कानून से ही चलना चाहिए. लेकिन कई बार कानून को समझना पड़ता है. फिर कानून वही नहीं रहते जो आईपीसी की धारा में लिखे होते हैं. अदालतें जब उनकी व्याख्या करती हैं, तो उनके असल मायने समझ में आते हैं. कई बार अदालतों की कानून को लेकर की गई ये व्याख्याएं बेहद दिलचस्प होती हैं.