आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 7 मई की सुबह ढाई बजे 1984 के भोपाल गैस कांड जैसा हादसा होते-होते बचा. वहां पर एलजी पॉलिमर प्लांट है जो तालाबंदी के कारण कई दिनों से बंद था और इसे चालू किया जा रहा था. रात के अंधेरे में चालू किए जाने के कारण प्लांट के पास देख-रेख की कोई व्यवस्था नहीं थी और वहां पर रासायनिक प्रतिक्रिया हुई, जिसकी वजह से गैस का रिसाव हुआ. हादसे में 1000 से अधिक लोग बीमार हो गए और 11 लोगों की मौत हो गई. पता चला है कि जब इसे चालू किया गया जा रहा था तब एक टैंक की देखरेख कोई नहीं कर रहा था. वहां से स्टाइरीन गैस निकलने लगी. उधर, दूसरी तरफ भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या कम है, यह बताकर कहा गया कि तालाबंदी सही है. सही समय पर लिया गया फैसला है. हर बात में यही बात बार-बार दोहराई गई और कहा गया कि भारत में मामले के डबल होने की रफ्तार काफी कम है, लेकिन अब जो संख्या आ रही है वो बता रही है कि तालाबंदी के दौर में हमने कुछ खास हासिल नहीं किया.