यह सही है कि इस साल जैसा ऑक्सीजन की सप्लाई का संकट पहले कभी नहीं हुआ लेकिन यह भी सही है कि इसी सरकार के कार्यकाल में भारत के तीन राज्यों में ऑक्सीजन का संकट हुआ था. हमने उन दुर्घटनाओं से क्या सीखा. ऑक्सीजन की सप्लाई चेन को पहले से कितना बेहतर बनाया यह सब पूछना बेकार है क्योंकि ढंग से एक जगह से कोई जवाब नहीं मिलता है. पिछली बार जब कोरोना की वैश्विक महामारी आई तब कई देशों में वेंटिलेटर की मांग बढ़ने लगी. वेंटिलेटर का हिसाब इस तरह से लगाया जाने लगा कि कार कंपनियां भी वेंटिलेटर बनाने लगीं. अब कोई भी इस बात को समझ सकता है कि जब वेंटिलेटर लगेगा तो ऑक्सीजन की सप्लाई भी करनी होगी और तब ऑक्सीजन की मांग बढ़ेगी. तब जवाब तो देना चाहिए कि उस समय जो भी हिसाब किया गया होगा उसके आधार पर आक्सीजन की सप्लाई चेन को ठीक करने का क्या बंदोबस्त किया गया?