बिहार में 2016 में शराबबंदी लागू हुई, लेकिन शराब बंद नहीं हो सकी. आए दिन शराब जब्त होने की खबरें आती रहती हैं. कभी 50 लाख की शराब पकड़ी जाती है, तो कभी 1 करोड़ की. लाखों मामले दर्ज हुए और लाखों लोग गिरफ्तार हुए. इसमें पुलिस के लोग भी शामिल हैं. शराब के अवैध धंधे में लिप्त पाए जाने के कारण 300 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर हुई है. 619 पुलिस कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई हुई है. 60 पुलिस अधिकारी और थाना अध्यक्ष हटाए गए हैं, और 186 लोगों को सेवा से बर्खास्त किया गया है. सोचिए शराबबंदी के कारण जो अवैध धंधा शुरू हुआ, उसमें हाथ धोने से सरकार, पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों को रोक नहीं पा रही है. इसका मतलब तो यही है कि इस अवैध कारोबार में सब अपना-अपना हाथ धो रहे हैं.