छेड़खानी राष्ट्रीय समस्या है. इसका सामना हमारी लड़कियां बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी ही नहीं, भारत में कहीं भी करती हैं. जब वे इसका विरोध करती हैं तो जवाब उस घटना को लेकर होना चाहिए न कि उनके आंदोलन में बाद में कौन आ गया, कैसे नारे लग गए उस पर. सवाल यही है कि क्या बीएचयू के भीतर 21 सितंबर की शाम को छात्रा के साथ छेड़खानी हुई थी, तो उस वक्त यूनिवर्सिटी प्रशासन ने क्या कदम उठाए?