ओबीसी वोटरों की संख्या का मान अब सभी रखने लगे हैं. इसलिए संसद के मॉनसून सत्र में संभवत: यह अकेला बिल है जिसका विपक्ष ने भी विरोध नहीं किया. इस बिल में ऐसा क्या खास है कि तीन हफ्ते से झगड़ रहे सत्ता और विपक्ष एकदम साथ आ गए हैं. ओबीसी से जुड़ा बिल लोकसभा में पास हो गया है. अब फिर राज्यों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार होगा. वे इसमें जातियों को जोड़ सकते हैं. हालांकि लोकसभा में बहस के दौरान भी जातिवार जनगणना का मुद्दा उठा. सरकार के सहयोगी दलों ने भी जातिवार जनगणना की बात कही. आखिर जातिवार जनगणना पर क्यों चुप है सरकार?