कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को यूपी के मुरादाबाद शहर में एक रैली को संबोधित किया. संबोधन में इस शहर से अपना नाता जोड़ते हुए उन्होंने कहा, 'आप सबका मेरे ससुराल में स्वागत है.ससुराल वालों मैं माफ़ी मांगती हूं कि मैं बहुत दिनों बाद आई हूं. आप लोगों ने मेरे परिवार का बहुत साथ दिया.मेरे ससुर बंटवारे के बाद यहां आए और अपना और अपने परिवार का भविष्य बनाया.मुरादाबाद को पीतल के लिए जाना जाता था. पहले इस शहर को विकसित करने की बात होती थी. पहले यहां लोन मिलता था, टैक्स माफ़ होता था.आज हालात कहां हैं. पहले 8000 करोड़ का निर्यात होता था वो घट गया है. 3 लाख लोगों का रोज़गार चला गया' केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा कि पहले नोटबंदी की आपसे बोला काला धन वापस आएगा. फिर जीएसटी लगाई गई. कारीगर की दिहाड़ी आधी हुई , डीज़ल महंगा हुआ.उधर चीन आगे बढ़ता गया पर यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर मज़बूत नहीं किया गया.
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प्रियंका ने कहा कि आपने अपने ख़ून पसीने से नगरी बनाई पर ये सरकार अंधेर नगरी बनाती है. महंगाई से घर का बजट चौपट है. 22 लाख युवाओं ने मेहनत की लेकिन टैट का पेपर लीक हो गया. फिर भर्तियां लटक गईं. 10 लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं. योगी जी कहते हैं कि यहां नौकरियां हैं पर युवाओं में योग्यता कम है. यहां लोग बताते हैं कि बच्चे बीटेक हैं आईटीआई की है पर कहीं पर रोज़गार नहीं मिलता.उन्होंने कहा, 'उद्योगपति चार साल से योगी जी से मिलना चाह रहे हैं पर योगी जी नहीं मिल रहे हैं. उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिकता पर आधारित राजनीति होती है.उन्हें पता है कि चुनाव आएगा धर्म के नाम पर वोट मांगेगे और जीत के निकल जाएंगे. मैं कहती हूं कि विकास की बात नहीं होगी तब तक माफ़िया चलता रहेगा.यहां हर चीज़ में माफ़िया है. ये हालात आप बदलोगे कैसे ? नेता मंच पर खड़े होकर फिज़ूल बातें करेगा क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी जवाबदेही नहीं है इस चुनाव को कांग्रेस पार्टी विकास के नाम पर लड़ेगी. हम अपनी प्रतिज्ञाएं पूरी करेंगे.'
किसान आंदोलन के दौरान 700 किसान शहीद हुए लेकिन प्रधानमंत्री जी ने एक मिनट मौन नहीं रखा. कोई चर्चा नहीं कीवहीं अजय मिश्रा टेनी, मोदी जी के साथ लखनऊ में मंच पर था. प्रियंका ने कहा, 'लखनऊ की एक कॉलोनी में कई परिवारों से मिली हूं. मेहनत करके बच्चों को पढ़ाने वाले परिवारों के बच्चे बेरोजगार हैं. यूपी में सांप्रदायिकता पर आधारित राजनीति है इसीलिए सीएम ने कारोबारियों को मिलने का वक्त नहीं दिया. चुनाव के वक्त का इंतजार कर रहे हैं चुनाव आएगा तो बात करेंगे. जब तक वोट विकास के आधार पर नहीं पड़ेगा तब तक जिम्मेवारी तय नहीं होगी. जमीन का माफिया, नदी का माफिया, बालू माफिया, पढ़ाई का माफिया शिक्षा का माफिया गनीमत है सांस का माफिया नहीं है. जब तक आप इस राजनीति के घेरे में रहेंगे कोई बदलाव नहीं आने वाला हैसबसे बड़ी जिम्मेदारी आपकी है आप नेताओं को जिम्मेदार बनाओ उन्हें दिखाओ ऐसा नहीं चलेगा. कांग्रेस पार्टी इस चुनाव को सिर्फ और सिर्फ विकास के आधार पर लड़ना चाहती है. हमने प्रतिज्ञा ली है कि हम 20 लाख रोजगार दिलाएंगे. हम हर जिले में हम उद्योग व्यापार लगाएंगेछत्तीसगढ़ में सरकार 2500रु कुंटल धान खरीद रही है. किसानों के आंदोलन से बहुत बड़ी बात सामने आई है. जब आप मन बना लेते हैं अडिग रहते हैं तो सरकार को झुकना पड़ता हैउन शहीद किसानों के लिए पीएम संसद में 2 मिनट मौन तक नहीं रहे. जिन कानूनों को रद्द किया उन पर 2 मिनट तक चर्चा नहीं हुई.
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उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल डाला. पीएम सीएम ने इस घटना पर किसानों के लिए एक शब्द नहीं कहा. जब पीएम लखनऊ आए तो वही मंत्री उनके मंच पर खड़ा हुआ था. किसान कह रहे हैं जब तक मंत्री पद पर वह रहेंगे किसानों को न्याय नहीं मिलेगा. किसानों ने हमसे कहा पैसे नहीं चाहिए दीदी, बेटे के लिए न्याय चाहिए. किसान आंदोलन से बात निकली है शक्ति आपके हाथों में हैं उस शक्ति को पहचानिए. अभी भी 4000 करोड़ का गन्ना भुगतान बचा है. पीएम नरेंद्र मोदी जस्ट हवाई जहाज में घूमते हैं आठ हजार करोड़ का है. संसद के सुंदरीकरण में 20000 करोड रुपए खर्च कर सकते हैं लेकिन आपके लिए कुछ नहीं दे सकते कहते हैं कि पैसा नहीं है. आज खाद की लाइनों में किसान अपना दम तोड़ रहे हैं. एक किसान ने हाथ ना मिलने पर मायूस होकर आत्महत्या कर ली. डीजल के दाम आसमान छू रहा है किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा है.
मुरादाबाद का जिक्र करते हुए कहा, 'यह एक शहर है जहां उद्योग है आप सब जानते हैं बिजली का रेट कितना है? आपको कहा गया था कि आपके शहर को स्मार्ट बनाया जाएगा लेकिन एक ही चीज है स्मार्ट मीटर. मैं आपके साथ खड़ी हूं आप को आगे बढ़ाना चाहती हूं, 40% टिकट महिलाओं को मिलेंगे.मैं उन महिलाओं के घर जाती हूं जहां महिलाओं से बलात्कार होते हैं उनका शोषण होता है उन्हें कुचला जा रहा है कोई कुछ नहीं कह रहा है सब विज्ञापनों में है. सवाल यह है कि आप सबके लिए लड़ने वाली महिला कैसे आगे बढ़ेगी? कोई बात नहीं इस बार अगर वह हार जाएंगी, सशक्त बनेंगी अगली बार जीतेंगे.
बताओ अपने लिए लड़ना चाहती हो या फिर अत्याचार सहना चाहती हो.स्कूटी किसके लिए है मोबाइल फोन किसके लिए है आपके लिए है. जो जात धर्म और बिरादरी पर राजनीति करते हैं सब खत्म हो जाएगा सशक्त बनो अपने लिए खुद लड़ो कोई नहीं लड़ेगा तुम्हारे लिए. जोर से बोलो लड़की हूं लड़ सकती हूं किसानों के लिए तय किया है कि कर्जा माफ करेंगे और सबके लिए तय किया है बिजली बिल हाफ करेंगे. कोरोना में आपने ओसियन मांगा तो सरकार आपके पीछे पड़ गई आपकी मदद नहीं हुई. गरीब छोटे कारोबारियों का व्यापार कम हुआ हम चाहते हैं वह फिर से पैरों पर खड़े हो. हम उन सब की मदद करना चाहते हैं उन्हें ₹25000 देना चाहते हैं. अगर हमारी सरकार आएगी तो हम 10 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त करेंगे. वृद्धा विधवा पेंशन हजार रुपये करेंगे और जितनी भी नौकरियां हैं उस में महिलाओं को आरक्षण तय करेंगे.सुनिए लोकतंत्र में जनता जिंदाबाद है. मेरी आपसे शिकायत है आप अपने नेताओं से हिसाब नहीं मांगते. आगरा में अरुण बाल्मीकि परिवार को तीन-चार दिन हवालात में बंद करके रखा गया.'
प्रियंका ने कहा कि हाथरस में दलित गरीब लड़की के साथ रेप किया जाता है पुलिस प्रशासन इसकी चिता जला देता है उसके मां-बाप को आने तक नहीं दिया जाता. मुख्यमंत्री जी चुप रहते हैं आप हिसाब क्यों नहीं मानते.किसानों को क्या-क्या नहीं कहा देशद्रोही आंदोलनजीवी, अब चुनाव आया तो कह रहे हैं मुझे माफ करिए. क्यों माफ कर रहे हैं आप इंसाफ मांगने कोरोना में किस के परिवारों जुड़े क्या आपने हिसाब मांगा हिसाब मांगो. राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से रिश्ता बदलो उनसे हिसाब मांगों सवाल करो. जिनको मुख्य विपक्ष कहा जा रहा है वह विकास का एजेंडा सेट नहीं कर रहे. सपा सरकार में जातिवाद और गुंडई और बसपा में लूट की सरकार.आपने समाजवादी का नया नारा सुना है- आ रहे हैं अखिलेश. पूरे प्रदेश में जगह-जगह लोगों के साथ अत्याचार हुआ, जुल्म हुआ मैं पूछना चाहती हूं क्या अखिलेश जी आए? उन्नाव और हाथरस में महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ उनको जलाया गया क्या अखिलेश जी आए? किसान आंदोलन में किसानों के साथ अत्याचार हुआ उन्हें जीप के नीचे कुचला गया क्या अखिलेश जी आए?नहीं आए ना तो अब चुनाव के समय क्यों आ रहे हैंचुनाव के समय उनकी पार्टी और वह अचानक सक्रिय क्यों हो रहे हैं? 5 साल से कहां थे जब कांग्रेस सड़कों पर लड़ रही थी