'रोहिंटन नरीमन'

- 15 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Translated by: विजय शंकर पांडेय |शनिवार जनवरी 28, 2023 12:04 PM IST
    नरीमन ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह बदला तो हम "नए अंधेरे युग की खाई में प्रवेश करेंगे." यदि आपके पास स्वतंत्र और निडर न्यायाधीश नहीं हैं, तो अलविदा कहें. कुछ भी नहीं बचा है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |रविवार अक्टूबर 10, 2021 09:33 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन ने देशद्रोह कानून को रद्द करने की वकालत की है. जस्टिस नरीमन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को देशद्रोह कानून को रद्द करना चाहिए. गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर UAPA कानून के भी कुछ हिस्सों को रद्द करने की मांग उन्होंने की है. विश्वनाथ पसायत स्मृति समिति द्वारा आयोजित एक समारोह में जस्टिस आरएफ नरीमन ने अपने भाषण में कहा कि ''मैं सुप्रीम कोर्ट  से आग्रह करूंगा कि वह उसके सामने लंबित देशद्रोह कानून के मामलों को वापस केंद्र के पास न भेजे. सरकारें आएंगी और जाएंगी, अदालत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करे और धारा 124 ए और यूएपीए के कुछ  हिस्सों को खत्म करे, फिर यहां के नागरिक ज्यादा खुलकर सांस लेंगे.''
  • India | Reported by: आशीष कुमार भार्गव |गुरुवार अगस्त 12, 2021 05:43 PM IST
    जस्टिस नरीमन ने अपने विदाई समारोह में कहा, भारत के लोगों की जायज उम्मीदें हैं और इस अदालत से गुणवत्तापूर्ण न्याय प्राप्त होना चाहिए.योग्यता को प्रबल होना चाहिए और पहले आना चाहिए.यह समय है कि अधिक प्रत्यक्ष नियुक्तियों के तहत बार से जज बनाएं जाएं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |गुरुवार अगस्त 12, 2021 01:03 PM IST
    जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन को 7 जुलाई 2014 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. वह सुप्रीम कोर्ट बार के केवल चौथे वरिष्ठ वकील हैं जिन्हें जज के रूप में पदोन्नत किया गया. जस्टिस  नरीमन प्रख्यात न्यायविद फली एस नरीमन के बेटे हैं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |शुक्रवार अप्रैल 16, 2021 11:12 PM IST
    जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने कहा कि पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के लिए समय बहुत दूर नहीं होगा.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अल्केश कुशवाहा |गुरुवार नवम्बर 7, 2019 11:04 AM IST
    कोयम्बटूर में दस साल की बच्ची और भाई की हत्या का मामला में सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी और दोषी मनोहरन की फांसी बरकरार रखी है. जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजीव खन्ना ने फांसी बरकरार रखी, जबकि जस्टिस संजीव खन्ना ने इस फैसले से असहमति जताते हुए उम्रकैद दी.  इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषी की फांसी पर रोक लगाई थी. मनोहरन की फांसी 20 सितंबर को होनी थी.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: ऋतुराज त्रिपाठी |शुक्रवार अगस्त 30, 2019 01:48 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने कथित गोकशी के एक आरोपी महबूब अली की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका ( NSA) पर रोक लगा दी है. मामले में जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जहां शांति और सौहार्द भंग हो. यह बेतुका है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से महबूब अली जेल से बाहर आ सकता है. महबूब अली ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उसका नाम FIR में भी नहीं था लेकिन यूपी पुलिस ने अन्य लोगों के बयानों के आधार पर उसको आरोपी बनाया.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |बुधवार फ़रवरी 20, 2019 11:36 AM IST
    अनिल अंबानी व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में दी अंडरटेकिंग का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने साथ ही कहा, 'यह जानबूझकर किया गया है. आर कॉम को 453 करोड रुपये और देने हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर अंबानी रुपये नहीं देंगे तो तीन महीने की जेल होगी. इस दौरान अनिल अंबानी कोर्ट में मौजूद थे. जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने यह फैसला सुनाया है.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 27, 2018 11:51 AM IST
    158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता  (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 03:25 PM IST
    संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा कर पीठ ने यह फैसला सुनाया है.
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