सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि NDPS एक्ट की धारा 53 के तहत एक पुलिस अधिकारी को दिया गया इकबालिया बयान एक सबूत के रूप में स्वीकार्य बयान नहीं होगा. इस अधिनियम के तहत अपराध के लिए एक अभियुक्त को दोषी ठहराने के लिए ध्यान में नहीं लिया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने 2:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि NDPS एक्ट के तहत नियुक्त केंद्र और राज्य एजेंसियों के अधिकारी पुलिस अधिकारी हैं और इसलिए धारा 67 के तहत उनके द्वारा दर्ज किए गए इकबालिया बयान स्वीकार्य नहीं हैं. जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा ने यह फैसला दिया जबकि जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने असहमति व्यक्त की.