सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है.सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए यौन संबंध अब अपराध के दायरे में नहीं आएंगे. संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा
शामिल रहे.