India | Written by: मानस मिश्रा |सोमवार सितम्बर 2, 2019 11:43 AM IST सोनिया गांधी भले ही कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष बनी हों लेकिन वापसी होते ही दिग्विजय सिंह पूरी तरह से फॉर्म में आ गए हैं. यूपीए के शासनकाल में मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक खुलकर बयानबाजी करने वाले दिग्विजय सिंह को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यकाल में खास तवज्जो नहीं मिल रही थी. हाल यह था कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से दर्द बयान करते हुए था, 'मेरे भाषण से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए मैं रैलियों में नहीं जाता.' दरअसल उस समय चुनावी रैलियों में दिग्विजय सिंह नदारद रहते थे. मध्य प्रदेश की रैलियों में दिग्विजय सिंह का न होना कार्यकर्ता और मीडिया के बीच चर्चा का विषय था. इसकी एक वजह यह भी थी कि पार्टी के रणनीतिकारों को लगता था कि दिग्विजय सिंह के बयान पहले भी अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा चुके हैं इसलिए उनसे उचित दूरी बनाए रखना ही ठीक है. यहां तक कि पोस्टरों में भी दिग्विजय सिंह नहीं दिखाए दे रहे थे.