देश में गिरती अर्थव्यवस्था के लिए जहां एक ओर विपक्ष पीएम मोदी और उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहरा है. वहीं मौजूदा सरकार इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल को कारण बता रही है. इसे लेकर हाल ही में मनमोहन सिंह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी देखा गया. सीतारमण ने न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में बोलते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनके सबसे बुरे दौर में पहुंचाने के लिए मनमोहन सिंह-रघुराम राजन की जोड़ी जिम्मेदार ठहराया. वहीं मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा था कि मोदी सरकार को प्रत्येक आर्थिक संकट के लिए यूपीए सरकार को दोष देना बंद करना चाहिए क्योंकि समाधान निकालने के लिए पांच साल का समय पर्याप्त होता है.