India | Reported by: कमाल खान, Edited by: मानस मिश्रा |रविवार जुलाई 26, 2020 05:38 PM IST राम इस धरती पर सबसे ज्यादा पूजे वाले भगवान में से एक हैं...वो एक ऐसे भगवान हैं...भगवान भी हैं और राजा भी...वो एक ऐसे राजा हैं....जो राजा भी हैं और संत भी....वो संतो के राजा हैं...और राजाओं के संत....वो मां को दिया पिता का वचन निभाने के लिए 14 साल के लिए वन चले जाते हैं....वो राज ऐसे छोड़ देते हैं....जैसे कि कुछ छोड़ा ही न हो...वो राज ऐसे पाते हैं जैसे कि कुछ पाया ही न हो....उनके अलावा कौन ऐसा होगा जिसे राज जाने का कोई दुख ही न हो...उनके अलावा कौन ऐसा होगा...जिसे राज पाने का कोई अभिमान न हो...जो वन में भी वनवासी हैं और जो सिंहासन में भी वनवासी हैं.. जो सूर्यवंशी राजकुमार होकर भी... खुद को ऋषि का दास बताता हो...'नाथ संभुधनु भंजनिहारा, होइहै कोउ एक दास तुम्हारा...